COVID treatment: ऑक्सीजन कम होने या सांस की तकलीफ में ये खास घरेलू उपाय आ सकता है काम
By उस्मान | Updated: April 23, 2021 15:06 IST2021-04-23T15:06:28+5:302021-04-23T15:06:28+5:30
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह घरेलू उपाय बताया है

कोरोना वायरस का इलाज
कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों और मृतकों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। देश में महामारी के रोजाना रिकॉर्ड तीन लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं जोकि दुनिया में किसी एक दिन के सबसे अधिक मामले हैं।
देश के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी हुई है और स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी की रपटें आ रही हैं। सबसे बड़ी परेशानी जो इस समस्य बनी हुई है, वो है अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होना।
ऐसे कई रपटें आ रही हैं जहां अस्पतालों में कोरोना के मरीज ऑक्सीजन नहीं मिलने से दम तोड़ रहे हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कोरोना के हर मामले में मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होती है।
हाल ही में एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने नारायण हेल्थ के अध्यक्ष डॉक्टर देवी शेट्टी और मेदांता के अध्यक्ष डॉक्टर नरेश त्रेहन सहित डॉक्टरों के एक उच्च-स्तरीय समूह ने कोरोना से संबंधित मुद्दों को लेकर संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि अगर किसी मरीज की ऑक्सीजन संतृप्ति 94 फीसदी से ऊपर है तो ऑक्सीजन की कमी से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को शरीर में दर्द, सर्दी, खांसी, अपच, उल्टी जैसे कोई लक्षण हैं, तो उन्हें कोरोना की जांच करानी चाहिए।
इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने सांस लेने में जिन मरीजों को तकलीफ हो रही है, उनके लिए ऑक्सीजन लेवल और सांस की कमी में सुधार करने के लिए अपने फेसबुक पेज पर कुछ इमेज शेयर की हैं। इन इमेज के जरिये मंत्रालय ने प्रोनिंग टेक्निक के बारे में बताया है। प्रोनिंग टेक्निक से कोरोना के मरीजों को अपना ऑक्सीजन लेवल सुधारने में काफी मदद मिल सकती है।
#Unite2FightCorona
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 22, 2021
Proning as an aid to help you breathe better during #COVID19pic.twitter.com/FCr59v1AST
प्रोनिंग क्या है ?
प्रोनिंग एक तरह की प्रक्रिया है जिससे मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल खुद ही मेनटेन कर सकता है। प्रोन पोजीशन ऑक्सीजनेशन तकनीक 80 प्रतिशत तक कारगर है। इस प्रक्रिया को पेट के बल लेटकर पूरी करनी होती है। यह प्रक्रिया मेडिकली स्वीकार्य है, जिसमें सांस लेने में सुधार होता है और ऑक्सीजन लेवल में सपोर्ट मिलता है।
कैसे की जाती है प्रोनिंग
इसे करने के लिए एक तकिया गर्दन के नीचे ररखें। एक या दो सीने और जांघ के नीचे रखें और दो तकिये पंजों के नीचे रखें। इसे करने के लिए पांच पोजीशन में लेटना होता है। सभी पोजीशन में तीस मिनट से ज्यादा न लेटें।
पहली पोजीशन के लिए पेट के बल लेटें
दूसरी पोजीशन में सीधे हाथ को सिर के नीचे रखकर एक करवट में लेटें
तीसरी पोजीशन में हाथों को बिस्तर पर रखें और पैरों को सीधा रखते हुए सीधा बैठें
चौथी पोजीशन में उल्टे हाथ को सिर के नीचे रखते हुए करवट में लेटें
पांचवी पोजीशन में पहले की तरह पेट के बल लेटें
इन बातों का रखें ध्यान
खाने के एक घंटे बाद तक इसे करने से बचें
तकिये आरामदायक होने चाहिए
किसी भी तरह की चोट और दबाव का ध्यान रखें
इसे प्रेगनेंसी, गंभीर दिल के रोग, रीढ़ से जुड़ी समस्या, पेल्विक फ्रैक्चर आदि में करने से बचें
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, प्रोनिंग एक तरह की प्रक्रिया है जिससे मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल खुद ही मेनटेन कर सकता है। इस प्रक्रिया को पेट के बल लेटकर पूरी करनी होती है।
कब करें प्रोनिंग
इस प्रक्रिया को तब अपनाना है जब कोरोना मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और ऑक्सीजन लेवल 94 से कम हो जाए। अगर आप होम आइसोलेशन में हैं तो समय-समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें। इसके अलावा, बुखार, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर भी समय-समय पर मापते रहें।
प्रोनिंग के फायदे
यह प्रक्रिया मेडिकली स्वीकार्य है, जिसमें सांस लेने में सुधार होता है और ऑक्सीजन लेवल में सपोर्ट मिलता है। होम आइसोलेशन में कोरोना मरीजों के लिए प्रोनिंग काफी मददगार है। प्रोन पोजीशन सुरक्षित है और इससे खून में ऑक्सीजन लेवल के बिगड़ने पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।