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Health Budget 2019 : कैंसर, डायबिटीज, टीबी मरीजों को मिल सकता है बड़ा तोहफा, खुल सकते हैं 10 हजार नए हेल्थ सेंटर

By उस्मान | Updated: February 1, 2019 10:31 IST

सरकार ने अभी तक देशभर में 15000 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की अनुमति दी है जिसके तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और दवाएं दी जा रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अंतरिम बजट में अगले साल 5 से 10 हजार स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा कर सकती है। 

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मोदी सरकार आज यानी 1 फरवरी को अंतरिम बजट 2019 (interim budget 2019) पेश करेगी। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की तबीयत खराब है जिसके चलते वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल यह बजट पेश करेंगे। पिछले साल की तरह इस बार भी मोदी सरकार से स्वास्थ्य क्षेत्र में कुछ बड़ी घोषणाओं की उम्मीद है। इसमें एक सबसे बड़ी योजना 'स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र' (Health and Wellness Centres) है। 

'स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र' (Health and Wellness Centres)स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए मोदी सरकार ने इस योजना की घोषणा की थी। इसके तहत देश में 1.5 लाख सेंटर खोलना था। इस योजना के लिए बजट में 1200 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था। इस योजना के तहत बड़े स्तर पर स्वास्थ्य उपचार प्रदान करना है, जिनमें गैर-संचारी रोग और मातृ एवं बाल स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं। इन केन्द्रों पर मुफ्त आवश्यक दवाएं और नैदानिक सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी। 

एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अभी तक देशभर में 15000 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की अनुमति दी है जिसके तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और दवाएं दी जा रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अंतरिम बजट में अगले साल 5 से 10 हजार स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा कर सकती है। 

जेनेरिक दवाएंसीएनबीसी टीवी 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018 अंत में देश में जेनेरिक दवाओं के 4,677 स्टोर हैं, जिन पर 800 से ज्यादा दवाएं उपलब्ध हैं। अंतरिम बजट 2019 में उम्मीद है कि सरकार 2019 में 1,000-1,500 इस तरह स्टोर खोलने की घोषणा कर सकती है। 

टीबी मरीजों को मिल सकती है बड़ी राहतपिछले आम बजट में मोदी सरकार ने टीबी रोगियों के पोषण के लिए अतिरिक्त 600 करोड़ की घोषणा की थी। इस योजना के तहत प्रति व्यक्ति को हर महीने 500 रुपये दिए जाते हैं। अंतरिम बजट 2019 में सरकार टीबी रोगियों के लिए बजट बढ़ा सकती है। 

डायबिटीज और कैंसर के मरीजों को भी उम्मीदसरकार पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में ट्रामा और एमरजेंसी केयर को और ज्यादा मजबूत करने के लिए कुछ बड़ी घोषणा कर सकती है। ध्ययन बताते हैं कि भारत में आघात के कारण होने वाली मौत कैंसर और दिल की बीमारियों के कारण होती हैं।

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