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Health tips: डायबिटीज, मोटापा, दिल के रोगों से बचा सकता है जैतून के पत्ते का रस, जानिये इस्तेमाल का तरीका

By उस्मान | Updated: November 8, 2021 13:27 IST

यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर रोग का कारण बनने वाली कोशिका क्षति से लड़कर कई बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है

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ठळक मुद्दे कैंसर सहित कई गंभीर रोगों से बचने में मदद मिल सकती है मददयह एंटीऑक्सिडेंट का बेहतर स्रोत है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता हैजैतून के पत्ते के रस में एंटीऑक्सिडेंट मुख्य रूप से पॉलीफेनोल्स होते हैं

जैतून के पत्ते का इस्तेमाल पुरानी बीमारियों को रोकने के लिए किया जाता है। अध्ययनों के अनुसार इसका इस्तेमाल करने से कैंसर सहित कई गंभीर रोगों से बचने में मदद मिल सकती है। जैतून पत्तों में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं।

यह एंटीऑक्सिडेंट का बेहतर स्रोत है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। यह रोग का कारण बनने वाली कोशिका क्षति से लड़कर कई बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है।

जैतून के पत्ते के रस में एंटीऑक्सिडेंट मुख्य रूप से पॉलीफेनोल्स होते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये पौधे आधारित पोषक तत्व दिमागी कमजोरी, कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों को रोकने में भूमिका निभाते हैं।

जैतून के पत्ते में एक विशिष्ट शक्तिशाली पॉलीफेनोल भी होता है जिसे ओलेयूरोपिन कहा जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि इसकी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के अलावा, ओलेयूरोपिन में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल प्रभाव होते हैं। 

दिल को स्वस्थ रखने में सहायकशोध से पता चलता है कि जैतून के पत्तों का रस एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को आपकी धमनियों में बनने से रोकने में मदद करता है। यह प्रभाव रक्त के प्रवाह को बढ़ाने और रक्तचाप को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है।

चूहों का उपयोग करने वाला एक अध्ययन ने भी अतालता वाले लोगों में सामान्य दिल की धड़कन को बहाल करने में मदद करने के लिए जैतून के पत्ते के रस को प्रभावी माना है।

डायबिटीज का कम जोखिमजैतून के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट आपके रक्त शर्करा को कम कर सकते हैं और स्वस्थ स्तर को बनाए रखने के लिए इसे स्थिर करने में मदद कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि यह प्रभाव डायबिटीज वाले लोगों के इलाज में मदद करता है और आपको इस बीमारी को विकसित होने से रोक सकता है।

इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायकयह पुरानी बीमारियों को दूर कर सकता है जिसमें कैंसर, हृदय रोग, पार्किंसंस और अल्जाइमर शामिल हैं। जैतून की पत्ती का रस वायरस और बैक्टीरिया पर हमला करके उसे बेअसर करने की क्षमता रखता है।

वजन कंट्रोल करने में सहायककुछ शुरुआती अध्ययनों से पता चलता है कि जैतून के पत्ते के रस में ओलेरोपिन पाया जाता है, जो एक्स्ट्रा वजन बढ़ने से रोकता है और मोटापे के जोखिम को कम करता है। प्रयोगशाला परीक्षणों में, ओलेयूरोपिन ने उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च वसा वाले आहार वाले जानवरों में शरीर में वसा और वजन बढ़ाने को कम किया।  

मात्रा और खुराकजैतून के पत्ते का रस कई रूप में मिलता है. इसकी कोई आधिकारिक खुराक की सिफारिश नहीं है, लेकिन अध्ययनों से संकेत मिलता है कि 500 से 1,000 मिलीग्राम प्रतिदिन लेने पर इसके स्वास्थ्य वर्धक प्रभाव होते हैं।

क्योंकि फॉर्मूलेशन और उत्पाद अलग-अलग हो सकते हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप एक सुरक्षित लेकिन प्रभावी राशि लेते हैं, अपने डॉक्टर की सिफारिश और निर्माता के दिशानिर्देशों का पालन करें।

इस बात का रखें ध्यान खाद्य एवं औषधि प्रशासन जैसी एजेंसियां जैतून के पत्ते के रस जैसे पोषक तत्वों की खुराक को नियंत्रित नहीं करती हैं। लेकिन क्योंकि जैतून के पत्ते सदियों से आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं, इसलिए इसका रस ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है। यदि आप किसी रोग से पीड़ित हैं या डॉक्टर के पर्चे की दवा ले रहे हैं, तो जैतून के पत्ते का रस लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना सुनिश्चित करें।  

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