अडूसा एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसके अनगिनत स्वास्थ्य फायदे हैं। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद चिकित्सा, होम्योपैथी और यूनानी उपचार में व्यापक रूप से किया जाता है। यह पौधा स्किन इन्फेक्शन, अस्थमा, अपच, बवासीर, गले के दर्द, मसूड़ों की समस्या और खांसी से निजात दिला सकता है। अडूसा पौधे की सभी भाग जिनमें पत्ते, जड़, फूल और पूरे पौधे का उपयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों में अलकोलाइड, टैनिन, सैपोनिन, फ्लैवोनोइड्स और फिनोलिक्स जैसे फाइटो रसायन होते हैं।
अस्थमा से छुटकारा दिलाने में सहायकइस पौधे में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जिस वजह से यह औषधीय पौधा अस्थमा से राहत दिला सकता है। यह वायुमार्ग और फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके फल में वाइसिसिन यौगिक ब्रोंकोडाइलेटर होते हैं, जो सांस फूलने की प्रक्रिया को कम करते हैं। अस्थमा में अडूसा के फायदे लेने के लिए 5-5 मिली अडूसा के पत्तों का रस शहद के साथ 2.5 मिली अदरक का रस मिलाकर सेवन करें।
बवासीर के इलाज में सहायकइसके औषधीय गुणों की वजह से इसका इस्तेमाल पुरानी बवासीर से राहत पाने के लिए भी किया जा सकता है। बवासीर से छुटकारा पाने के लिए आपको अडूसा की पत्तियों का रस और इसका रस चूर्ण का इस्तेमाल करना चाहिए।
गठिया के इलाज ने मददगारगठिया एक ऐसी समस्या है जो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने की वजह से भी होती है।इस पौधे में मौजूद पोषक तत्व शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। जिससे आपको गठिया के दर्द और सूजन से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा इसके एंटी-इंफ्लामेटरी गुण गठिया की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
इन बीमारियों में कारगर है अडूसाइसके अलावा आप इस पौधे के इस्तेमाल खांसी के इलाज, मसूड़ों के रक्तस्राव को रोकने, ब्रोंकाइटिस के उपचार, गले की बीमारियों, अल्सर के उपचार, अपच से राहत पाने, त्वचा और मासिक धर्म की समस्याओं से राहत पाने के लिए भी कर सकते हैं। हालांकि आपको इसके इस्तेमाल से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।