दिखते ही तुरंत तोड़ लेना इन 8 पौधों के पत्ते, डायबिटीज, किडनी पथरी, खून की कमी, गठिया जैसे 20 रोग होंगे खत्म
By उस्मान | Updated: November 12, 2019 13:19 IST2019-11-12T10:31:55+5:302019-11-12T13:19:49+5:30
प्रकृति में कई ऐसे पेड़-पौधे मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल सदियों से एक औषधि के रूप में किया जाता आ रहा है।

दिखते ही तुरंत तोड़ लेना इन 8 पौधों के पत्ते, डायबिटीज, किडनी पथरी, खून की कमी, गठिया जैसे 20 रोग होंगे खत्म
सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए हर बार दवा का सेवन सही नहीं होता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बहुत ज्यादा दवाओं के सेवन से शरीर के कई अंगों पर बुरा असर पड़ता है। प्रकृति में कई ऐसे पेड़-पौधे मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल सदियों से एक औषधि के रूप में किया जाता आ रहा है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही पौधों के बारे में बता रहे हैं जिनके पत्तों के इस्तेमाल से आप कई गंभीर समस्याओं से राहत पा सकते हैं।
नीम के पत्ते
नीम इस धरती पर स्वास्थ्य का सबसे बड़ा खजाना हैं। इस पेड़ के हर हिस्सा के इस्तेमाल कई दवाओं को बनाने में किया जाता है। नीम मसूड़ों की सूजन को खत्म करता है। यह डायबिटिज के मरीजों में शुगर को नियंत्रित करता है। नीम के पत्तों में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह त्वचा और बालों से जुड़े रोगों को भी ख़त्म करते हैं।
तुलसी के पत्ते
तुलसी का इस्तेमाल दवाइयों में भी किया जाता है। आयुर्वेद में इसके कई सारे फायदे बताये गए हैं। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण होने की वजह से ये आपकी सर्दी खांसी को जड़ से खत्म कर देती है। इसके लिए आपको रोज सुबह तुलसी का एक पत्ता खाना होगा। तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण होने से ये शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को बेहतर बनाता है।
चांगेरी के पत्ते
इस पौधे के पत्तों का कई दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। इसके पत्ते एसिडिक प्रकृति के होते हैं, जो सूजन को खत्म करते हैं। इसके पत्तों को रस पीने से मूत्राशय की सूजन दूर होती है और इसके साथ-साथ बुखार से भी राहत मिल जाती है। अगर आपको भी कोई त्वचा से जुड़ा रोग है, तो इसे इस्तेमाल करें। इसे चोटिल हिस्से पर लगाने से घाव की जलन और दर्द दोनों ही दूर हो जाते हैं।
पान के पत्ते
एक अध्ययन के अनुसार, पान में एक कण होता है जो क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया से लड़ने में मदद करता है। इस तरह इसका इस्तेमाल अस्थि मज्जा कैंसर के इलाज में किया जा सकता है। इससे पाचन को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है। यह शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों और खनिजों को अवशोषित करने में भी मदद करता है। जो लोग बढ़ते वजन से परेशान हैं, अगर वे इसका सेवन करते हैं, तो वे बढ़ते वजन से छुटकारा पा सकते हैं।
सदाबहार के पत्ते
इस पौधे पर गुलाबी और सफेद रंग के छोटे-छोटे फूल आते हैं। इन फूलों का पारंपरिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें विन्डोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में सहायक है। इसके अलावा इसमें विनब्लास्टिन और विनक्रिस्टिन तत्व भी पाए जाते हैं, जो कैंसर विरोधी हैं। एक नई रिसर्च के अनुसार, इस पौधे में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और उन्हें उसी क्षण नष्ट करने में सहायक हैं। सदाबहार का पौधा किस तरह से फायदेमंद है, चलिए जानते हैं।
अमरूद के पत्ते
अमरूद की पत्तियों के कई स्वास्थ्य लाभ हैं जिसके बारे में हमें पता ही नहीं है। यह आपकी कई बीमारियों में आराम पहुंचा सकती है। इसमें ऐसे चमत्कारी गुण हैं। अमरूद के पत्तों में मौजूद यौगिक ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट की दर को कम करने में मदद करते हैं। इन हरे पत्तों से आपको गठिया, कोलेस्ट्रॉल, पेट दर्द, उल्टी आदि से बचने में मदद मिलती है। अगर आप डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं, तो आपको अमरूद के पत्तों को किसी भी कीमत पर अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
बेल के पत्ते
बेल का फल कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन, फाइबर और आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्वों का भंडार है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी और सी की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। दरअसल यह एक जड़ी बूटी है जिसका हर अंश शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल गुण भी होते हैं जो विभिन्न रोगों से बचाते हैं। नियमित रूप से बेल का सेवन करने से पाचनक्रिया मजबूत बनती है और पेट की सफाई भी होती है। इससे पेट के कीड़ों को खत्म किया जा सकता है। इसमें फेरोनिना तत्व पाया जाता है जो डायरिया का उपचार में सहायक है।
पुनर्नवा के पत्ते
पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि सावधानी से भोजन करने और व्यायाम के साथ जड़ी बूटी का सेवन बीमारी के बढ़ने की गति को धीमी कर सकती है और बीमारी के लक्षणों से निजात दिला सकती है। वैज्ञानिक अध्ययनों में दावा किया गया है कि पुनर्नवा जैसे पारंपरिक औषधीय पौधे पर आधारित औषधि का फार्मूलेशन किडनी की बीमारी में रोकथाम में कारगर हो सकता है और बीमारी से राहत दिला सकता है।






