क्या वाकई दही कोलेस्ट्रॉल घटाता है, जानें वैज्ञानिकों की राय

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: October 8, 2018 02:55 PM2018-10-08T14:55:18+5:302018-10-08T14:55:18+5:30

वैज्ञानिकों ने पूरी तरह यह सिद्ध कर दिया है कि दूध से कहीं अधिक लाभप्रद दही का सेवन होता है। दूध की चिकनाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ाती है। इसलिए हृदय रोगियों के लिए दही का नियमित सेवन अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

Health benefits of eating curd said by several health experts | क्या वाकई दही कोलेस्ट्रॉल घटाता है, जानें वैज्ञानिकों की राय

क्या वाकई दही कोलेस्ट्रॉल घटाता है, जानें वैज्ञानिकों की राय

अमेरिका, कनाडा और डेनमार्क जैसे देशों में दही पर अनेक प्रयोग किए गए और परिणामों में यह पाया गया है कि दही हृदय रोगियों के लिए रामबाण के समान है। संग्रहणी जैसा असाध्य रोग भी दही के प्रयोग से ठीक किया जा सकता है। हमारे देश में अनादि काल से दही का प्रयोग हवन, यज्ञ, विवाह, मुंडन, जनेऊ आदि मांगलिक अवसरों पर भी किया जाता है।

विश्व के लगभग हर कोने में दही का सेवन अनेक रूपों में किया जाता है। अपने देश में लस्सी, रायता, कढ़ी, दही बड़े एवं चाट के रूप में दही का प्रयोग किया जाता है। रूस के जाजिर्या एवं बुल्गारिया आदि के लोग आज भी दही के नियमित सेवन के कारणों से सौ वर्ष से ज्यादा उम्र पार कर जाते हैं।

दही कोलेस्ट्रॉल घटाता है?

दही के  संबंध में शोध करने वाले अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ। मान ने पाया कि दही का बैक्टीरिया एक ऐसे पदार्थ की रचना करता है जो लिवर (यकृत या जिगर) में कोलेस्ट्रॉल का बनना रोक देता है फलत: दही के सेवन से शरीर में बनने वाली कोलेस्ट्रॉल की रचना में गिरावट आ जाती है।

यह ठीक है कि हृदय रोगों में तथा  रक्तचाप बढ़ जाने पर दही के सेवन द्वारा रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की मात्र कम हो जाती है परंतु इसके लिए अभी शोध जारी है कि कितना दही खाने से कितना कोलेस्ट्रॉल कम होगा।

दही का परहेज?

आयुर्वेद ग्रंथ चरक संहिता के अनुसार दही के सेवन के बारे में कुछ सावधानियां भी कही गई हैं। उनका पालन न करने से अमृत तुल्य दही का प्रभाव कम हो जाता है। फाइलेरिया के रोगियों को दही कदापि नहीं खाना चाहिए।

दही को तांबे, पीतल, कांसे और अल्युमीनियम के बर्तनों में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इन धातुओं के संपर्क से दही जहरीला हो जाता है। कांच, स्टील, मिट्टी के बर्तनों में दही को रखकर  प्रयोग करना चाहिए। दही को रात में खाने से कफजनित रोग घेर लेते हैं।

दही को अकेले नहीं खाना चाहिए तथा गर्म करके भी नहीं खाना चाहिए। इस नियम की अवहेलना करने से ज्वर, रक्तपित्त, कुष्ठ, पांडु, याददाश्त की कमी, बुद्धि की कमी, कामला जैसे रोग भी हो सकते हैं। दही को हमेशा ताजी अवस्था में प्रयोग कीजिए। अधिक दिनों के रखे खट्टे दही में पोषक तत्व कम हो जाते हैं जिससे वह हानिकारक हो जाता है।

अन्य बीमारियों पर दही का प्रयोग

दही में उपस्थित बैक्टीरिया आंतों में जमे गंदे, विषैले कीटाणुओं को नष्ट करके दूषित मल को बाहर कर देता है। नियमित दही सेवन करने वालों को अनिद्रा, अपच, कब्ज, दस्त एवं गैस की तकलीफें नहीं होती। 

भोजन के साथ दही लेने से भोजन शीघ्र पचता है एवं आंतों  तथा आमाशय की गर्मी और खुश्की नष्ट होती है। उदर रोगों में दही का सेवन भुने जीरे एवं सेंधा नमक के साथ करना चाहिए।

ये भी पढ़ें: रोटी-चावल एक साथ खाने वाले सावधान, धीरे-धीरे इस बीमारी के मुंह में जा रहे हैं आप

शहद या चीनी के साथ मिलाकर दही को प्रात:काल खाने से हृदय पुष्ट होता है, भूख बढ़ती है, रक्तशोधन करता है। दही हृदय एवं मस्तिष्क को शीतलता एवं शक्ति प्रदान करने वाला, स्निग्धकारी, वायु-कफ नाशक, बवासीर, संग्रहणी, अतिसार, प्रमेह, श्वेत कुष्ठ आदि रोगों का नाश करने वाला होता है।    

Web Title: Health benefits of eating curd said by several health experts

स्वास्थ्य से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे