Coronavirus in Jammu Kashmir : जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि जो व्यक्ति इस रोग के रोकथाम एवं उपचार से जुड़े आदेशों का पालन नहीं करेगा उससे कानून के तहत निपटा जाएगा।
इस केंद्र-शासित प्रदेश में अबतक तीन व्यक्तिों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है । इस बीमारी का मुकाबला करने के लिए इस केंद्र-शासित प्रदेश के लगभग सभी जिलों में सरकार द्वारा चार से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू करने के साथ सामान्य जनजीवन करीब करीब ठहर गया है।
इस बीच प्रशासन ने राज्य के लोगों को आयुष्मान भारत का लाभ देने के फैसला किया है। कश्मीर विंडो की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के वित्तीय आयुक्त अटल दुलुओ ने कहा कि जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की प्रशासनिक परिषद ने राज्य के सभी लोगों को आयुष्मान भारत योजना (पीएमजेएवाई) के तहत यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) प्रदान करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लगभग 15 लाख अतिरिक्त परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। फिलहाल 5.95 लाख लोगों को इसका फायदा मिल रहा है। यह योजना परिवार के आकार, आयु या लिंग पर किसी भी प्रतिबंध के बिना प्रति परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करेगी।
इस योजना में ऑन्कोलॉजी, कार्डियोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के अलावा सभी पहले से मौजूद बीमारियों को कवर किया जाएगा। यह योजना कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके परिवार के सदस्यों को भी कवर करेगी।
सरकार पहले ही सभी शिक्षण संस्थानों, मल्टीप्लेक्सों, सिनेमाघरों, शॉपिंग मॉलों, फुड कोर्टों, पार्कों और गार्डनों, क्लबों एवं सड़क किनारे खाने -पीने की चीजें बेचने वालों पर 31 मार्च तक के लिए रोक लगा चुकी है।
महामारी रोग अधिनियम के तहत नियमों की घोषणा करते हुए अधिसूचना में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर महामारी रोग (कोविड-19) विनियमाली, 2020 इस पूरे केंद्रशासित प्रदेश में तत्काल प्रभावी होगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि लेकिन यदि किसी परिसर के मालिक या कोविड -19 का संदिग्ध या सत्यापित व्यक्ति घर में अलग से रखने, संस्थाना में अलग से रखने जेसे रोकथाम या उपचार के कदमों से इनकार करता है या फिर निगरानी कर्मियों एवं अधिकारियों से सहयोग नहीं करता है तो उस पर सीआरपीसी, 1973 की धारा 133 के प्रावधान लगेंगे। जरूरी समझने पर मजिस्ट्रेट किसी बाध्यकारी कार्रवाई का आदेश जारी कर सकते हैं।