फैटी लीवर को हेपेटिक स्टीटोसिस के रूप में भी जाना जाता है। यह तब होता है जब लीवर में फैट बनने लगता है। लिवर में कम फैट होना सामान्य है, लेकिन इसकी मात्रा बढ़ने से कई नुकसान हो सकते हैं। लीवर शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है। यह खाने-पीने की चीजों से पोषक तत्वों को अवशोषित करने और खून से हानिकारक पदार्थों को हटाने का काम करता है। लीवर में बहुत अधिक फैट जमा होने से लीवर में सूजन आ सकती है। कई मामलों में सूजन की वजह से लीवर फेलियर भी हो सकता है।
फैटी लीवर की समस्या ऐसे लोगों को ज्यादा होती है, जो बहुत अधिक शराब पीते हैं। इसे एल्कोहल फैटी लीवर डिजीज के रूप में और जो लोग शराब नहीं पीते हैं उनमें यह रोग नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर डिजीज के रूप में जाना जाता है।
फैटी लिवर के लक्षण (Symptoms of fatty liver)
कई मामलों में इसके लक्षणों का पता नहीं लग पाता है लेकिन आप अपने पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में थकान, असुविधा या दर्द महसूस कर सकते हैं। फैटी लीवर की बीमारी वाले कुछ लोगों में लीवर स्कारिंग सामान्य है। लिवर स्कारिंग को लिवर फाइब्रोसिस के रूप में जाना जाता है। मुख्यतः इसके लक्षणों में भूख में कमी, वजन घटना, दुर्बलता, थकान, नाक से खून आना, त्वचा में खुजली, त्वचा और आंखों में पीलापन, पेट में दर्द, पेट में सूजन, पैरों की सूजन, पुरुषों में स्तन वृद्धि और उलझन होना आदि शामिल हैं।
फैटी लीवर के कारण (Causes of fatty liver)
फैटी लीवर तब विकसित होता है जब आपका शरीर बहुत अधिक वफैट का उत्पादन करता है या पर्याप्त रूप से फैट को मेटाबोलाइज नहीं करता है। एक्स्ट्रा फैट लीवर की कोशिकाओं में जमा होता और फैटी लीवर रोग का कारण बनता है। फैट का यह निर्माण विभिन्न प्रकार की चीजों के कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, बहुत अधिक शराब पीने से।
जो लोग बहुत अधिक शराब नहीं पीते हैं, उनमें फैटी लीवर रोग का कारण कम स्पष्ट है। हालांकि एक्सपर्ट इन चीजों का इसका कारण मानते हैं। मोटापा, हाई ब्लोद्द शुगर, इंसुलिन रेसिस्टेंट और खून में ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ना आदि शामिल हैं।
कम सामान्य कारणों में गर्भावस्था, तेजी से वजन कम होना, कुछ प्रकार के संक्रमण, जैसे हेपेटाइटिस सी, कुछ प्रकार की दवाओं से साइड इफेक्ट्स, जैसे मेथोट्रेक्सेट (ट्रेक्साल), टैमोक्सीफेन (नॉलवडेक्स), अमियोडोरोन (पैकरोन), और वैल्प्रोइक एसिड (डेपकोट) आदि भी इसके कारण हो सकते हैं।
फैटी लीवर के लिए घरेलू उपचार
फैटी लीवर डिजीज के लिए जीवनशैली में परिवर्तन संभावित इलाज है। इसके लिए वजन कम करना, शराब का सेवन कम करना, पोषक तत्वों से भरपूर आहार, अतिरिक्त कैलोरी, संतृप्त वसा और ट्रांस वसा वाली चीजें खाना, रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करना आदि शामिल हैं।
इसके अलावा विटामिन ई की खुराक फैटी लीवर की बीमारी के कारण होने लीवर की क्षति को रोकने या उसका इलाज करने में मदद कर सकती है। कोई भी तरीका आजमाने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से बात करें।
फैटी लीवर के लिए डाइट प्लान
यदि आप फैटी लीवर की बीमारी से पीड़ित हैं, तो आपको जटिलताओं व जोखिम को कम करने के लिए फल, सब्जियां, फलियां, और साबुत अनाज सहित पौधे आधारित खाद्य पदार्थों से भरपूर चीजों का सेवन करें। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की खपत को सीमित करें, जैसे कि मिठाई, सफेद चावल, सफेद रोटी, अन्य परिष्कृत अनाज आदि। सैचुरेटेड फैट जैसे लाल मांस और कई अन्य पशु उत्पाद न खायें। शराब से बचें।