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कोविड-19 से निपटने में कई स्तरों पर नाकामी के चलते लाखों लोगों की मौत हुई: लांसेट रिपोर्ट

By भाषा | Updated: September 15, 2022 17:33 IST

कोविड-19 को लेकर लांसेट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि “अधिकांश देशों की सरकारें तैयार नही थीं और उनकी प्रतिक्रिया बहुत धीमी थी। इसके अलावा, उन्होंने समाज के सबसे संवेदनशील समूहों को बहुत कम तवज्जो दी।”

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ठळक मुद्देकोविड-19 को लेकर लांसेट ने एक नई रिपोर्ट जारी की है।इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कई स्तरों पर भारी नाकामी के कारण लाखों लोगों की मौत हुई है।लांसेट ने यह भी बताया कि अधिकांश देशों की सरकारें इस निपटने के लिए तैयार भी नहीं थे।

Covid19: दुनियाभर में कोविड-19 से निपटने में कई स्तरों पर भारी नाकामी के चलते ऐसे लाखों लोगों की मौत हुई, जिनकी जान बचाई जा सकती थी। साथ ही इससे कई देशों में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। 

लांसेट के कोविड-19 आयोग की एक नई रिपोर्ट में यह बात कही गई है। आयोग ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पहले दो साल में दुनियाभर में उठाए गए कदमों की गहन समीक्षा की है। 

कोविड-19 से लड़ने के लिए अधिकांश देशों की सरकारें तैयार नही थीं- लांसेट 

लांसेट ने अपनी रिपोर्ट में रोकथाम उपायों, पारदर्शिता, जागरूकता, बुनियादी जन स्वास्थ्य व्यवस्थाओं, अभियानगत सहयोग और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता में व्यापक नाकामी का जिक्र किया है, जिसके चलते 1 करोड़ 77 लाख लोगों की मौत होने का अनुमान है। 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, “अधिकांश देशों की सरकारें तैयार नही थीं और उनकी प्रतिक्रिया बहुत धीमी थी। इसके अलावा, उन्होंने समाज के सबसे संवेदनशील समूहों को बहुत कम तवज्जो दी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अभाव और गलत सूचनाओं की बाढ़ के कारण स्थिति और खराब हो गई।” 

आयोग ने एक रूपरेखा भी तैयार की है

आयोग ने नए महामारी विज्ञान और वित्तीय विश्लेषणों का उपयोग करके उन सिफारिशों की रूपरेखा तैयार की है, जिससे कोविड-19 आपातकाल को समाप्त करने, भविष्य के स्वास्थ्य खतरों के प्रभाव को कम करने और दीर्घकालिक सतत विकास हासिल करने में मदद मिल सकती है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन लक्ष्यों को हासिल करने की संभावना एक मजबूत बहुपक्षवाद पर निर्भर करती है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में सुधार और इसे मजबूत बनाने पर केंद्रित हो। 

आयोग ने इस पर जोर देने को कहा

आयोग के मुताबिक, लक्ष्य प्राप्ति के लिए महामारी की तैयारी और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में निवेश करने व नई योजनाएं बनाने तथा भेदभाव का सामना करने वाली आबादी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।  

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