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Diet Tips: भारतीय खाना रोटी,चावल, दाल नहीं है सेहत के लिए फायदेमंद, वैज्ञानिकों ने बताए ये 5 कारण

By प्रिया कुमारी | Updated: June 12, 2020 12:13 IST

ईएटी-लांसेट आयोग ने एक रिपोर्ट में भारतीय खाने को सेहत के लिए फायदेमंद नहीं बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय खाने में फल, सब्जियों, प्रोटिन आदि की हिस्सदारी काफी कम होती है।

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ठळक मुद्देभारत में पारंपरिक तरह से खाए जाना वाला देसी खाना सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है।ईएटी-लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया है कि भारतीय खाना जिसमें कई प्रकार के व्यंजन होते हैं, वह शरीर के लिए हेल्दी नहीं होते हैंं।

भारत में पारंपरिक तरह से खाए जाने वाले देसी खाने को ईएटी-लांसेट आयोग ने स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं बताया है। ईएटी-लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया है कि भारतीय खाना जिसमें कई प्रकार के व्यंजन होते हैं, वह शरीर के लिए हेल्दी नहीं होते हैं।

रिपोर्ट में भारत में खाए जानें वाले आहार को राज्यों, आय समूहों और ग्रामीण शहरी क्षेत्रों के आधार पर उनके खाने के पैटर्न की तुलना करके देखा गया, जो पूरी तरह से अस्वस्थ पाए गए। आखिर क्यों भारत में खाए जाने वाले रोटी, चावल, दाल जैसे डाइट को ईएटी-लांसेस की रिपोर्ट ने फायदेमंद नहीं बताया चलिए जानते हैं।

क्या कहती है रिपोर्ट2011-2012 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा आयोजित उपभोग व्यय सर्वेक्षण से विश्लेषण के लिए इस डाटा का इस्तेमाल किया गया। इस सर्वे में देश भर के 7469 गांवों और 5268 शहरी ब्लॉक से 0.102 मिलियन परिवारों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि नमूना लिया गया। जिसके बाद उनके खाने-पीने का विश्लेषण किया गया। जिसमें पता चला कि भारत में डेली बेसीस पर कैलरी की खपत कम है और इस कम कैलरी खपत के रिसर्च से पता चला कि ये स्वास्थ्य के लिए कई जगहों पर फायदेमंद नहीं होते होंगे। 

किसकी है कमी

1) हरी सब्जी- हरि सब्जी खाने से मोटापा कम होता है, कैंसर जैसी बीमारीयों से वचाव किया जा सकता है,  एनीमिया जैसी बीमारियां नहीं होगी, हरि सब्जी हमारे त्वचा और बालों के लिए लाभदायक है ये पथरी से बचाव भी करता है।

2) फल- फलों में तरह-तरह के फायदे पाए जाते हैंस जो हमारी शरीर को स्वस्थ रखते है। सेव, संतरा, केला, बीट आदि फलों के सेवन से शरीर में सही मात्रा में प्रोटिन और विटमीन जाते रहता है। 

3) अंडा- अंडे को प्रोटीन, कैल्शियम व ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माना जाता है। अंडे खाने से आपके शरीर को जरूरी अमीनो एसिड मिलता है जिससे शरीर का स्टैमिना बढ़ता है

4) दूध- दूध से हमारे शरीर में कैल्शियम की पूर्ति होती है, हमारे दांतों और हड्ड‍ियों को कैल्शियम की जरूरत होती है। कब्ज की समस्या में गले के लिए फायदेमंद है साथ ही तनाव अनिंद्रा की समस्या दूर करने को दूर करता है। 

5) कैलोरी की कम खपत

भारत में औसत रोजाना कैलोरी की खपत 2503 cal/capita दिन से नीचे है। जिसमें 5 प्रतिशत आबादी के लोग है। भारतीय खाने में फल, सब्जियां, फलियां, मांस,मछली, और अंडे की कैलोरी कम खाते हैं, इन सब की हिस्सदारी काफी कम थी।

जबिक ईएट-लैंसेट ने अपने सुझाव में कहा था कि साबूत अनाज का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा किया जाए। वहीं प्रोटिन की बात की जाए तो केवल 6 से 8 प्रतिशत ही प्रोटिन भारतीय आहार में शामिल हैं। जबकि ईएटी -लैंसेट के अनुसार प्रोटिन की हिस्सेदारी कम से कम 29 प्रतिशत होनी चाहिए। 

भारतीय परिवार औसत फलों की तुलना में प्रसंस्कृत खाद्द पदार्थों से अधिक कैलोरी का उपभोग करते हैं। ईएटी-लैंसेट के सुझाव के अनुसार आपको रोजाना कुल कैलोरी का एक तिहाई (811 किलो कैलोरी ) पूरे अनाज से लेना चाहिए। सबसे गरीब ग्रामिण परिवारों के लिए अनाज का कैलोरी हिस्सा 70 प्रतिशत तक है।

अन्हेल्दी डाइट का असर

अन्हेल्दी आहार कुपोषण और कई बीमारियों के शिकार होने की संभावना रहती है। WHO  के अनुसार, अनहेल्दी डाइट और अधूरा पोषण शारीर के लिए नुकसान दायक है। साबूत अनाज, स्टार्च युक्त सब्जियां, फल, अन्य सब्जियां, डेयरी खाद्य पदार्थ ईएटी-लैंसेट ने आहार ने ये खाद्य पदार्थ शामिल किए है

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