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सोरायसिस से पहले शरीर में होने लगते हैं ये 10 बदलाव, चर्म रोग को खत्म कर सकती हैं ये 15 चीजें

By उस्मान | Updated: September 21, 2019 07:17 IST

early signs and symptoms of Psoriasis : दुनियाभर में सोरायसिस रोग से तीन फीसदी आबादी यानी करीब 12.50 करोड़ लोग प्रभावित हैं।

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चर्म रोग सोरायसिस को आम भाषा में छाल रोग भी कहा जाता है। यह एक क्रोनिक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है जिसमें त्वचा कोशिकाओं का तेजी से निर्माण होता है। कोशिकाओं का अधिक निर्माण त्वचा की सतह पर स्केलिंग का कारण बनता है। इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो गंभीर परेशानी हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में सोरायसिस रोग से तीन फीसदी आबादी यानी करीब 12.50 करोड़ लोग प्रभावित हैं।

सोरायसिस के सामान्य लक्षणों में शरीर के प्रभावित सामान्य अंगों में खुजली होती है। त्वचा पर पपड़ी जैसी ऊपरी परत जम जाती है। शरीर में लाल-लाल धब्बे और चकत्ते हो जाते हैं।  खुजलाहट के कारण त्वचा लाल हो जाती है और उसमें घाव बन जाते हैं। इसका कोई संपूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों की गंभीरता के बावजूद इसे काफी हद तक कंट्रोल किया या जा सकता है।

इसमें त्वचा की कोशिकाएं त्वचा में गहराई से बढ़ती हैं और धीरे-धीरे सतह पर बढ़ती हैं। स्केल आमतौर पर कोहनी और घुटने पर विकसित होती है। इसके अलावा हाथ, पैर का पंजा, गरदन, खोपड़ी और चेहरे पर भी विकसित हो सकते हैं। कई मामलों में सोरायसिस नाखून, मुंह और जननांगों के आसपास के क्षेत्र को प्रभावित करते हैं।

सोरायसिस लक्षण

सोरायसिस लक्षण लोगों में अलग-अलग होते हैं और सोरायसिस के प्रकार पर निर्भर करते हैं। सोरायसिस के निशान खोपड़ी या कोहनी पर छोटे हो सकते हैं, या शरीर के अधिकांश हिस्से को कवर कर सकते हैं। त्वचा का लाल होना, उभरा होना, उभरे हुए पैच होना, लाल पैच पर सफेद धब्बे, सूखी त्वचा जिसमें दरार और खून हो, पैच के आसपास दर्द, खुजली और जलन होना, नाखूनों का मोटा होना, जोड़ों में दर्द या सूजन होना सोरायसिस के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं।

सोरायसिस से बचने के लिए खाएं ये चीजें

1) छाछआयुर्वेद तक्रधारा के इलाज के अनुसार, सोरायसिस की बीमारी में शुद्ध किए हुए औषधीय छाछ का प्रयोग किया जाता है। इससे स्किन और बाल हेल्दी रहते हैं।

2) नीमनीम के पत्ते सोरायसिस के इलाज में काफी कारगर होते हैं। नीम का तेल पोषक तत्वों से भरपूर है और इससे सोरायसिस और कील-मुंहासों के इलाज में भी मदद मिलती है। इसे खरोचों व छोटे घावों पर भी लगाया जा सकता है। नीम का तेल त्वचा की शुष्कता और खुजलाहट दूर करता है।

3) सन के बीजसन के बीज में ऐसे पदार्थ होते हैं जो शरीर में सूजन कम करते हैं जैसे ओमेगा 3 फैटी ऐसिड्स। साथ ही इनमें ऐंटीऑक्सिडेंट्स भी होते हैं, जो हॉर्मोन के सिक्रीशन ( स्राव) में बैलेंस बनाए रखते हैं। सन के कच्चे या भुने हुए बीज खाने से स्किन साफ रहती है।

4) एंटी-इंफ्लेमेटरी वाली चीजेंजामुन, चेरी और पत्तेदार साग, सैमन, सार्डिन और अन्य मछली, जड़ी-बूटियां और मसाले, जैसे थाइम, ऋषि, जीरा और अदरक, जैतून का तेल, बीज, और नट्स आदि का खूब सेवन करें। 

5) विषैले तत्व पैदा करने वाले खाने से बचावआयुर्वेद के अनुसार, कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिनका खाने के दौरान गलत कॉम्बिनेशन शरीर में विषैले तत्व पैदा कर सकता है। जैसे कि मिल्कशेक और दही कभी एक साथ न खाएं।

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