वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के अनुसार फेफड़ों की बीमारी अस्थमा से वर्तमान में पूरी दुनिया में अस्थमा से 235 मिलियन से अधिक लोग पीड़ित हैं। साल 2015 सांस की इस खतरनाक बीमारी से 338000 लोगों की मौत हुई थी। इसका मतलब यह हुआ कि अस्थमा से रोजाना 900 से ज्यादा लोगों की मौत होती है। अस्थमा वायुमार्ग की एक पुरानी बीमारी है, जो सांस लेने में कठिनाई का कारण बनती है। अस्थमा में वायु मार्ग की सूजन हो जाती है जिसकी वजह से वायुमार्ग का अस्थायी संकुचन होता है जो फेफड़ों तक ऑक्सीजन ले जाता है।
अस्थमा के कारण और लक्षण
अस्थमा होने का सबसे बड़ा कारण मौसम में बदलाव, धूल मिटटी, प्रदूषण और धुआं है। इससे अस्थमा के लक्षण दिखाई देते हैं, जिसमें खांसी, घरघराहट, सांस की तकलीफ और सीने में जकड़न शामिल है। अस्थमा होने पर नलिकाओं में सूजन आ जाती है जिससे ये सिकुड़ जाती है और फेफड़ो तक हवा नहीं पहुंच पाती है। इसके चलते रोगी क सांसे लेने में परेशानी आने लगती है।
इन चीजों से बढ़ता है अस्थमा का अटैक
एक्सपर्ट मानते हैं कि कुछ चीजें अस्थमा के लक्षणों को बढ़ाती हैं जिनमें मुख्यतः पीनट्स, अंडे, शेलफिश, दूध, सोयाबीन, श्रिम्प, गाजर, ब्रेड, पास्ता, केक, पेस्ट्री और दूध से बने उत्पादों के सेवन से बचना चाहिए।
भावनात्मक रूप से आहत होने पर भी अस्थमा के अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा घास, लकड़ी, गैस, पेंट, स्मोकिंग और रसायनिक चीजों की गंध से भी अस्थमा का अटैक पड़ सकता है।
अस्थमा से बचने के लिए इन चीजों का करें सेवन
1) शहदएक चम्मच शहद को एक कप गर्म पानी में मिलाकर दिन में तीन बार पीने से आपको फायदा हो सकता है। इससे गले में जमा कफ साफ होता है और अस्थमा के लक्षण कम होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करने के साथ मसूड़े की सूजन को रोकता है। आप इसमें दालचीनी और नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं।
2) एवोकाडोएवोकाडो में भरपूर मात्रा में एल-ग्लूटाथियोन होता है, जो सेल्स को फ्री रैडिकल डैमेज जैसे हिस्टामाइन से बचाता है। इसे सुपरफूड माना जाता है क्योंकि यह एंटीऑक्सिडेंट्स का भंडार होता है।
3) कालेसंतरे की तुलना में काले में अधिक विटामिन सी होता है। विटामिन सी से वायुमार्ग मार्ग में मांसपेशियों के संकुचन कम होता है। इसमें बीटा-कैरोटीन के साथ टामिन ए, विटामिन के, विटामिन सी, बी 6, मैंगनीज भी होते हैं, जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
4) लहसुन लहसुन को अपने एन्टीवायरस गुणों के लिए जाना जाता है जो इसके औषधीय मूल्यों को बढ़ाते हैं। इससे ऐसे इन्फेक्शन को रोकने में हेल्प मिलती है जो संभावित रूप से अस्थमा का कारण बन सकते हैं। आप लहसुन की कली को सीधे खा सकते हैं या फिर बाजार में उपलब्ध कैप्सूल के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं।
5) अदरक अदरक में ऐसे कई तत्व होते हैं जो गले और सांस की समस्या से हमारा बचाव करते हैं। यह तत्व सांस लेना आसान बनाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अदरक का सेवन यदि सीधे ही या फिर चाय में या इसे जूस के रूप में भी लिया जाए, तो ये सांस में जकड़न जैसी परेशानी को कम करने में मदद करता है।