सावधान! क्या स्मार्टफोन से भी फैल सकता है कोरोना और ओमीक्रोन?, जानें इस पर WHO की सलाह, ऐसे करें मोबाइल सैनिटाइज
By आजाद खान | Published: January 26, 2022 12:34 PM2022-01-26T12:34:53+5:302022-01-26T12:40:50+5:30
कोरोना वायरस के मोबाइल फोन, काउंटर, टेबल के ऊपरी हिस्से, दरवाजों की कुंडियां, शौचालय के नल में पाए जाने की ज्यादा संभावना होती है।
Coronavirus-Omicron on Mobile: देश भर में एक बार फिर से कोरोना ने अपना रुप दिखाना शुरू कर दिया है। यही नहीं अब तो इसके वैरिएंट ने भी लोगों को शिकार बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे में लोग इससे बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। वे गर्म पानी के इस्तेमाल से लेकर हाथ सैनिटाइज तक सभी ऐसे काम कर रहे हैं जिससे कोरोना के प्रकोप से बचा जा सके। लेकिन क्या आपने अपने फोन के बारे में कभी सोचा हैं। यह एक बड़ा सवाल है कि क्या आपके मोबाइल फोन से आपको कोरोनावायरस का संक्रमण हो सकता है। क्या आपका मोबाइल फोन भी कोरोना और ओमीक्रोन का वाहक हो सकता है? तो आइए आज इसके ही बारें हम जानते हैं।
कोरोना और ओमीक्रोन को लेकर मोबाइल पर क्या कहना है एक्सपर्ट्स का
इस मुद्दे पर एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है। कुछ लोगों का मानना है कि कोरोना और ओमीक्रोन मोबाइल के जरिए लोगों को संक्रमित नहीं करता है, वहीं कई जानकारी इस बात की पुष्टी करते है कि कहीं न कहीं मोबाइल के कारण लोग संक्रमित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कोरोनावायरस अलग-अलग प्रकार की सतहों पर घंटों तक जीवित रह सकता है। कोरोना प्लास्टिक की वस्तु पर 72 घंटों तक जीवित रह सकता है, जबकि स्टील पर यह चार घंटे से कम समय तक के लिए जीवित रह सकता है। कॉपर और कार्ड-बोर्ड पर यह 24 घंटों तक जिंदा रह सकता है। तो ऐसे में आप कोरोना और ओमीक्रोन से संक्रमित होंगे की नहीं, ये बात इस पर निर्भर करता है कि आपके पास कैसा मोबाइल है।
स्वास्थ्य संस्थानों में मोबाइल के इस्तेमाल पर लगाया था रोक
आपको बता दें कि पिछले साल कोरोना पीक के काल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर के डॉक्टरों के एक ग्रुप ने स्वास्थ्य संस्थानों में मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक लगाया था। उनका कहना था कि ऐसे उपकरण वायरस के वाहक हो सकते हैं और इससे डॉक्टर वायरस के शिकार हो सकते हैं। यही नहीं पिछले साल बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक लेख में डॉक्टरों ने इस्तेमाल पर चिंता जताई थी और कहा था कि इसके कारण लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं।
मास्क, कैप और चश्मों के बाद फोन हो सकता है आपके लिए दुश्मन
बता दें कि कोरोना काल में मास्क, कैप और चश्मों के कारण लोगों में संक्रमित होने का डर बना रहता था। इन सब के बाद अब मोबाइल का नंबर है। मोबाइल को धोया नहीं जा सकता है और यह सीधा आपके मुंह के संपर्क में रहता है जिससे संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। इसलिए फोन को भी समय समय पर सैनिटाइज किया करें।
क्या और कैसे करें मोबाइल को सैनिटाइज?
जानकार कहते हैं कि जिस प्रकार हम अपनी हाथों को सैनिटाइज करते हैं, हमें उसी प्रकार अपने फोन को भी सैनिटाइज करना चाहिए। तो जब कभी भी आप बाहर से घर को आएं तो अपना फोन को सैनिटाइज करना न भुलें, इससे आप इसके संक्रमण से बच सकते हैं। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक, ज्याद टच में आनी वाली चीजें जैसे मोबाइल फोन, काउंटर, टेबल के ऊपरी हिस्से, दरवाजों की कुंडियां, शौचालय के नल, की-बोर्ड, टेबलेट्स से कोरोना का डर ज्यादा रहता है। इसलिए इससे साफ रखना और इससे बचना चाहिए। बड़ी मोबाइल फोन कंपनियों ने कहा है कि 70 प्रतिशत आइसोप्रोपिल अल्कोहल या क्लोरोक्स विसंक्रामक वाइप्स का इस्तेमाल फोन को स्विच ऑफ कर उसकी बाहरी सतह को हल्के हाथ से साफ करने के लिये किया जा सकता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)