एस्प्रिन से नहीं कम होता हार्ट अटैक का खतरा, ये भी हैं 4 बड़े नुकसान
By उस्मान | Published: September 20, 2018 07:37 AM2018-09-20T07:37:00+5:302018-09-20T07:37:00+5:30
अस्थमा या अन्य सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को एस्पिरिन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि ये फेफड़ों में ऐंठन पैदा कर सकती है।
एस्पिरिन (Aspirin) एक सैलिसिलेट औषधि है, जो अक्सर हल्के दर्द और बुखार को कम करने के लिए ली जाती है।पहले की गई कई रिसर्च में पाया गया है कि हार्ट अटैक के तुरंत बाद थोड़ी मात्रा में एस्प्रिन मौत के जोखिम को कम किया जा सकता है। लेकिन जो ताजा रिसर्च सामने आई है वो इसके उलट है। एक नए शोध में पता चला है कि रोजाना एस्प्रिन की खुराक लेने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम नहीं होता।
गौरतलब है कि एस्प्रिन का इस्तेमाल दर्द निवारक के रूप में 16वीं शताब्दी से किया जा रहा है। वर्ष 1960 से इसकी पहचान एक ऐसी औषधि के रूप में होती रही है, जो उन लोगों में दिल का दौरा पड़ने के खतरे को कम देता है जो पहले भी इसका सामना कर चुके हैं।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित तीन अध्ययनों के मुताबिक 70 साल के अपेक्षाकृत स्वस्थ्य बुजुर्गों को प्रतिदिन एस्प्रिन की हल्की डोज (100 मिलीग्राम) देने के बावजूद उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम नहीं हुआ और न ही वृद्धावस्था से जुड़ी अन्य प्रकार की बीमारियों का खतरा कम हुआ।
'एएसपीआरईई' नाम के इस अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के 19,000 से अधिक लोगों पर सात से ज्यादा अध्ययन किया गया।
ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्विद्यालय में प्रोफेसर जॉन मैकनील ने कहा, 'इस लंबे और जटिल अध्ययन से यह संदेश मिलता है कि स्वस्थ बुजुर्ग लोगों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए एस्प्रिन से कोई मदद नहीं मिलती।'
एस्पिरिन के कुछ साइड इफेक्ट्स
1) अस्थमा या अन्य सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को एस्पिरिन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि ये फेफड़ों में ऐंठन पैदा कर सकती है।
2) कुछ लोगों को कई चीजों से एलर्जी होती है। एस्पिरीन से भी कई लोगों को एलर्जी हो जाती है।
3) इसके लगातार सेवन से इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा होता है. क्योंकि यह खून को बहुत पतला कर देती है।
4) 16 साल की उम्र के बच्चों को इसे देने से उनके लीवर और दिमाग में सूजन पैदा हो सकती है।