गाय के गोबर से नहीं हो सकता कोरोना का इलाज, भारतीय डॉक्टरों ने दी चेतावनी
By उस्मान | Updated: May 11, 2021 13:28 IST2021-05-11T13:21:46+5:302021-05-11T13:28:55+5:30
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए शरीर पर गोबर लगा रहे लोग

शरीर पर गाय का गोबर लगाते लोग (फोटो सोर्स-सोशल मीडिया)
कोरोना वायरस का गाय के गोबर से इलाज किया जा सकता है, ऐसे दावों के खिलाफ भारतीय डॉक्टरों ने सख्त चेतावनी जारी की है। डॉक्टरों ने कहा है कि गोबर की प्रभावशीलता का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है और इससे अन्य बीमारियों को फैलाने का जोखिम बढ़ सकता है।
गोबर से इम्यून सिस्टम मजबूत होने का दावा
खबरें हैं कि गुजरात में कुछ लोग हफ्ते में एक बार गौशाला जा रहे हैं और वहां जाकर अपने शरीर पर गाय का गोबर और मूत्र लगा रहे हैं ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके और कोरोना से उबरने में मदद मिले।
हिंदू धर्म में, गाय जीवन और पृथ्वी का एक पवित्र प्रतीक है और सदियों से हिंदुओं ने अपने घरों को साफ करने और प्रार्थना अनुष्ठानों के लिए गाय के गोबर का उपयोग किया है, यह विश्वास करते हुए कि इसमें चिकित्सीय और एंटीसेप्टिक गुण हैं।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, एक फार्मास्युटिकल्स कंपनी में एसोसिएट मैनेजर गौतम मणिलाल बोरीसा ने बताया कि आम लोग ही नहीं बल्कि डॉक्टर भी यहां आते हैं। उनका मानना है कि इस थेरेपी से उनकी प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है और वे बिना किसी भय के मरीजों के पास जा सकते हैं और उन्हें ठीक कर सकते हैं। गौतम का कहना है कि पिछले साल उन्हें इस अभ्यास से कोरोना से उबरने में मदद मिली।
पूरे शरीर पर लगाया जाता है गोबर और मूत्र
बताया जा रहा है कि लोग गौशाला आकर अपने शरीर पर गोबर और मूत्र का मिश्रण लगाकर सूखने तक का इंतजार करते हैं। इसके बाद गाय को गले लगाते हैं या उनका सम्मान करते हैं। ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए योग का अभ्यास करते हैं। आखिर में अपने शरीर को दूध या छाछ से धो लेते हैं।
डॉक्टरों ने दी चेतावनी
भारत और दुनियाभर के डॉक्टरों ने कोरोना वायरस के लिए वैकल्पिक उपचार का अभ्यास करने के खिलाफ बार-बार चेतावनी दी है। उनका मानना है कि इस तरह के अभ्यास सुरक्षा की गलत भावना पैदा कर सकते हैं और स्वास्थ्य समस्याओं को जटिल कर सकते हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर जेए जयलाल ने कहा कि ऐसा कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि गाय का गोबर या मूत्र कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है, यह पूरी तरह से विश्वास पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि इन उत्पादों को सूंघने या इनका सेवन करने में स्वास्थ्य जोखिम भी शामिल हैं। इससे अन्य बीमारियां पशु से मनुष्यों में फैल सकती हैं।