कोरोना महामारी से आए बदलावों के कारण लोगों में दिल संबंधी बीमारियों और मौतों का अहम योगदान: डॉक्टर रंजन शर्मा
By अंजली चौहान | Published: September 30, 2023 09:28 AM2023-09-30T09:28:41+5:302023-09-30T09:52:24+5:30
कोरोना महामारी के बाद हृदय समस्या बढ़ी है।
नई दिल्ली: वर्तमान समय में लोगों की जीवनशैली में बदलाव और कोरोना महामारी से हुए परिवर्तनों से दिल संबंधी बीमारियों में इजाफा हुआ है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रंजन शर्मा का मानना है कि हृदय रोग के कारणों और रोकथाम को समझना महत्वपूर्ण है।
भारत जैसे विकासशील देशों में हृदय रोग काफी आम है। जैसे-जैसे समय बीतता है, मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह का प्रसार बढ़ता है, जिसके परिणामस्वरूप अचानक हृदय संबंधी मृत्यु दर में वृद्धि होती है।
चिकित्सक विशेषज्ञ का कहना है कि हमारे भौगोलिक और आनुवंशिक कारकों के साथ-साथ बढ़ते शहरीकरण के कारण मधुमेह काफी बार होता है।
मधुमेह उच्च रक्तचाप और मोटापे को बढ़ावा देता है। यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि कैलोरी की खपत में वृद्धि, गतिहीन जीवन शैली और तनाव ने 25 से 50 वर्ष की आयु के युवाओं में हृदय रोग विकसित होने का खतरा बढ़ा दिया है।
डॉक्टर ने कहा कि विकसित देशों में जागरूकता बढ़ने और नियमित व्यायाम के कारण हृदय रोग की व्यापकता में कमी आई है। हम हृदय संबंधी समस्याओं, विशेषकर अतालता से पीड़ित युवाओं की संख्या में वृद्धि देख रहे हैं, जिसका देश की आर्थिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। एक स्वस्थ अस्तित्व के लिए जागरूकता और ज्ञान की आवश्यकता होती है।
स्वस्थ बचपन सुनिश्चित करने के लिए कम उम्र से ही शारीरिक गतिविधि शुरू की जानी चाहिए। केवल स्कूलों या कॉलेजों को ही नहीं, बल्कि कार्यस्थलों को भी अपने कर्मचारियों को स्वस्थ जीवन शैली जीने के बारे में शिक्षित करना चाहिए। तनाव प्रबंधन के साथ-साथ, उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना और दैनिक व्यायाम में शामिल होना महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुवरो बनर्जी का कहना है कि भारत संचारी रोगों को लेकर अधिक चिंतित था और गैर-संचारी रोगों पर कम ध्यान दे रहा था। उन्होंने कहा कि अब, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय की समस्याएं जैसी गैर-संचारी बीमारियाँ बढ़ रही हैं। विदेशों में जहां संक्रामक रोग और गैर-संचारी रोग दोनों ही कम हो रहे हैं, वहीं भारत में यह बढ़ रहा है। इसे ठीक करने की जरूरत है।
गौरतलब है कि युवाओं को अधिक हृदय संबंधी समस्याएं क्यों हो रही हैं, इस पर हृदय सर्जन ने कहा, “कोविड के बाद के युवाओं को धमनियों के मोटे होने का सामना करना पड़ रहा है, जो कि कोविड के कारण है।
वायरस रक्त वाहिकाओं में परिवर्तन लाता है जो धमनियों को सख्त करने और रक्त के जमने को बढ़ावा देता है जिससे दिल का दौरा पड़ता है। कुछ आंकड़े बताते हैं कि युवाओं और वयस्कों दोनों में हृदय रोगों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
लेकिन COVID एकमात्र कारक नहीं है। जीवनशैली एक और बड़ा कारक है जैसे व्यायाम के लिए कम समय, तनाव और फास्ट फूड। तनाव के प्रति एक प्रतिकूल प्रतिक्रिया भी होती है।