लाइव न्यूज़ :

Covid 3rd wave: अक्टूबर-नवंबर में पीक पर होगी तीसरी लहर, रोजाना आएंगे 1 लाख से ज्यादा मामले, बचने के लिए करें ये 8 काम

By उस्मान | Updated: August 31, 2021 09:08 IST

यह चेतावनी आईआईटी-कानपुर के प्रोफेसर वैज्ञानिक मणिंद्र अग्रवालने की है। प्रोफेसर अग्रवाल विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीम का हिस्सा हैं, जिन्होंने भारत में दूसरी लहर की भविष्यवाणी की थी।

Open in App
ठळक मुद्देयह चेतावनी आईआईटी-कानपुर के प्रोफेसर वैज्ञानिक मणिंद्र अग्रवालने की हैअग्रवाल विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीम का हिस्सा हैं, जिन्होंने भारत में दूसरी लहर की भविष्यवाणी की थीदावा है कि रोजाना एक लाख से ज्यादा नए मामले देखने को मिल सकते हैं

भारत में कोरोना वायरस का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच कभी भी चरम पर हो सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि कोविड-19 की तीसरी लहर दूसरी की तुलना में कम गंभीर होगी।

यह चेतावनी आईआईटी-कानपुर के प्रोफेसर वैज्ञानिक मणिंद्र अग्रवालने की है। प्रोफेसर अग्रवाल विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीम का हिस्सा हैं, जिन्होंने भारत में दूसरी लहर की भविष्यवाणी की थी।

उन्होंने कहा कि यदि कोई नया स्ट्रेन नहीं आया, तो स्थिति बदलने की संभावना नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि यदि एक नया स्ट्रेन सामने आता है, तो भारत में चरम के दौरान एक दिन में 1 लाख कोविड मामले देखे जा सकते हैं।

पिछले महीने, मॉडल ने सुझाव दिया कि तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच चरम पर हो सकती है और दैनिक मामले 1.5 लाख से 2 लाख के बीच आ सकते हैं।

अग्रवाल ने ट्वीट किया, 'अगर नया उत्परिवर्तन नहीं होता है तो यथास्थिति बनी रहेगी और सितंबर तक अगर 50 फीसदी ज्यादा संक्रामक उत्परिवर्तन सामने आता है तो नया स्वरूप सामने आएगा। आप देख सकते हैं कि नये स्वरूप से ही तीसरी लहर आएगी और उस स्थिति में नये मामले बढ़कर प्रतिदिन एक लाख हो जाएंगे।' 

पिछले महीने, मॉडल के मुताबिक बताया गया था कि तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच में चरम पर होगी और रोजाना मामले प्रति दिन डेढ़ लाख से दो लाख के बीच होंगे, अगर सार्स-कोव-2 का ज्यादा संक्रामक उत्परिवर्तन होता है। 

बहरहाल, डेल्टा से ज्यादा संक्रामक उत्परिवर्तन सामने नहीं आया। पिछले हफ्ते का अनुमान भी इसी तरह का था लेकिन नए अनुमान में रोजाना मामलों की संख्या घटाकर एक से डेढ़ लाख की गई है। अग्रवाल ने कहा कि नवीनतम आंकड़ों में जुलाई और अगस्त में हुए टीकाकरण और सीरो सर्वेक्षण को भी शामिल किया गया है। 

कोरोना की तीसरी लहर से बचने के उपाय

नीति आयोग के सदस्य डॉ। वीके पॉल ने कहा कि बदलते वायरस की प्रतिक्रिया समान रहती है। हमें कोविड-उपयुक्त व्यवहार अपनाने की जरूरत है, जैसे मास्क लगाना, दूरी बनाना, स्वच्छता, गैर जरूरी मुलाकातें नहीं करना और घर में ही रहना। 

- सीएसआईआर ने भी कहा कि भारत अभी सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने से दूर है और ऐसे में लोगों को वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए। इसके अलावा लोगों को सामाजिक दूरी तथा हाथों की सफाई जैसे उपायों का भी पालन करते रहना चाहिए।  

- कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोते रहें। - हो सके तो घर से बाहर ही न निकलें और अगर जा भी रहे हैं, तो मास्क पहनकर जायें और सैनिटाइजर साथ रखें। - अपने मास्क और किसी भी चीज को छूने से बचें। - संक्रमित लोगों और अन्य लोगों से कम से कम मीटर की दूरी बनाकर रखें। - छींकते या खांसते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू पेपर से कवर करें और टिश्यू पेपर को सही जगह फेंके। - अगर आपका स्वास्थ्य पहले से ही खराब है तो आप घर के अंदर ही रहें। - स्मोकिंग से बचें और फेफड़ों को प्रभावित करने वाली चीजों से दूरी बना लें। - कोरोना वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका तो यह है कि अप बेवजह घर से बाहर ही न निकलें। 

बच्चों के लिए कितनी खतरनाक है तीसरी लहर

कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। इसलिए कई राज्यों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। इसे लेकर पेरेंट्स के बीच चिंता का माहौल बना हुआ है। 

बच्चों को वर्तमान प्रोटोकॉल के तहत टीका नहीं लगाया जा सकता है। साथ ही उनके लिए कोई विशेष दवा विकसित नहीं की गई है। इसलिए, छोटे बच्चों में कोरोना के जोखिम को रोकने के लिए, उनकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने की आवश्यकता है।  

बच्चों को तीसरी लहर से कैसे बचाएं

तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए फिलहाल डॉक्टर उनकी इम्यूनिटी मजबूत बनाने पर जोर दे रहे हैं। डॉक्टर के अनुसार, आप एक निश्चित सीमा तक बच्चों को सप्लीमेंट दे सकते हैं।

इसे 15 दिनों के लिए जस्ता, एक महीने के लिए मल्टीविटामिन और एक महीने के लिए कैल्शियम दिया जा सकता है। ये सभी चीजें प्रतिरक्षा को बढ़ावा दे सकती हैं। हालांकि, डॉक्टर विटामिन के प्राकृतिक स्रोतों का अधिक उपयोग करने की सलाह भी दे रहे हैं।

इसके अलावा आपको कोरोना के नियमों का पालन करना और बच्चों के लिए एक आदत बनाने की जरूरत है। छोटे बच्चों से बाहर से आए लोगों से दूर रखें, चाहे उन्हें लक्षण हों या न हों। साथ ही बच्चों को सर्दी-जुकाम और पेट की बीमारियों से बचाएं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि ये रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए बच्चों को अधिक ठंडा पानी और तैलीय भोजन न दें। इसके बजाय, अपने आहार में दालें, साग और फल शामिल करें।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियाहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत