COVID-19 vaccine: कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर ये 5 झूठी उम्मीद न पालें, वरना होगा पछतावा
By उस्मान | Published: November 18, 2020 01:04 PM2020-11-18T13:04:28+5:302020-11-18T13:14:52+5:30
covid-19 vaccine: महामारी से जूझ रही पूरी दुनिया को अब बस वैक्सीन का इंतजार है
कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़ने से लोगों में सिर्फ घबराहट ही नहीं बल्कि भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है। कम जानकारी के अभाव में लोग इस महामारी को अपने-अपने नजरिये से देख रहे हैं। जिसका नतीजा यह हो रहा है कि वो कोरोना को लेकर मिथकों और गलत धारणाओं का शिकार हो रहे हैं।
बेशक कोरोना का फिलहाल कोई स्थायी इलाज या टीका नहीं आया है लेकिन वैज्ञानिक और चिकित्सा दिन-रात वैक्सीन विकसित करने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
हम आपको पांच ऐसे मिथकों की जानाकारी दे रहे हैं जिन्हें आपको सच मानने से बचना चाहिए वरना आपको कुछ बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। एक बात गांठ बांध लेना कि अधूरा ज्ञान बहुत ज्यादा खतरनाक होता है।
साल के अंत तक कोरोना वायरस वैक्सीन आ जाएगी
कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद वैज्ञानिक और चिकित्सा कोरोना के इलाज और रोकथाम के लिए वैक्सीन बनाने का काम कर रहे हैं। कई कंपनियां दावा कर रही हैं कि साल के अंत तक कोई न कोई टीका आ जाएगा। हालांकि किसी ने भी डेट की घोषणा नहीं की है। कई टीकों का अंतिम ट्रायल चल रहा है और उसके बाद भी आगे के प्रोसेस में समय लगता है। यह कहना मुश्किल है कि 2020 के अंत तक सभी के लिए एक टीका उपलब्ध होगा।
कोरोना वायरस की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है
बहुत से लोग मानते हैं कि कोरोना वायरस के लिए बनाई जा रही वैक्सीन उपयोग के लिए सुरक्षित है। लेकिन इस मामले की सच्चाई यह है कि परीक्षण के दौरान कई टीकों के साइड इफेक्ट सामने आये हैं। जब तक कोई वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जाती, तब तक यह बड़े पैमाने पर जनता के लिए उपलब्ध नहीं हो पाएगी।
वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है
निश्चित रूप से, वैक्सीन विकसित करने के लिए वैज्ञानिक और शोधकर्ता दिन-रात काम कर रहे हैं। चूंकि महामारी तेजी से फैल रही है तो वैक्सीन विकसित करने की प्रगति तेज है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह जल्दी हो रहा है। अधिकांश टीकों को विकसित होने में वर्षों लगते हैं। कोरोना वैक्सीन के मामले में कई प्रमुख कंपनियों, सरकारों और शोध टीमों ने सुरक्षित और तेजी से इलाज का तरीका सुनिश्चित करने के लिए सहयोग किया है।
वैक्सीन इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है
आपको बता दें कि यह झूठा मिथक है। आपको पता होना चाहिए कि कोई वैक्सीन आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को घातक रोगजनकों की पहचान करने में मदद करती है और उन्हें इसके खिलाफ लड़ने में सक्षम बनाती है। यह किसी भी तरह से प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर नहीं करता है।
देश में कोविड- 19 से संक्रमित लागों की संख्या बुधवार को 89 लाख को पार कर गयी । हालांकि इनमें से 83 लाख से अधिक लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर 93.52 प्रतिशत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे अद्यतन आंकड़ों के अनुसार एक दिन में कोविड-19 के 38,617 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बुधवार को बढ़कर 89,12,907 हो गयी । इसमें कहा गया है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण से 474 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,30,993 हो गई।
आंकड़ों के अनुसार देश में लगातार आठ दिनों से उपचाराधीन संक्रमितों की संख्या पांच लाख से कम है। अभी 4,46,805 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 5.01 प्रतिशत है। इसके अनुसार देश में अभी तक 83,35,109 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर 93.52 प्रतिशत हो गई।