COVID-19 vaccine: रूस का टीका Sputnik V कोरोना वायरस के खिलाफ 92% असरदार, जानिये टीके की 5 खास बातें

By उस्मान | Published: November 11, 2020 03:53 PM2020-11-11T15:53:40+5:302020-11-11T16:02:19+5:30

कोरोना वायरस वैक्सीन अपडेट : हाल ही में 16000 लोगों को दिए गए टीकों को आधार पर यह दावा किया गया है

COVID-19 vaccine: Russia claim COVID-19 vaccine Sputnik V is 92% effective at protecting people from coronavirus | COVID-19 vaccine: रूस का टीका Sputnik V कोरोना वायरस के खिलाफ 92% असरदार, जानिये टीके की 5 खास बातें

कोरोना वायरस वैक्सीन

Highlights16,000 प्रतिभागियों के आंकड़ों पर आधारित हैंरूस कोरोना वायरस वैक्सीन को रजिस्टर करने वाला पहला देश है

रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन स्पुतनिक वी (Sputnik V) कोरोना वायरस से लोगों की रक्षा करने में 92% प्रभावी है। रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने यह जानकारी दी है। यह डेटा वैक्सीन की दो खुराक 16,000 प्रतिभागियों के आंकड़ों पर आधारित हैं।

रूस कोरोना वायरस वैक्सीन को रजिस्टर करने वाला पहला देश है। उसने अगस्त में इसे रजिस्टर कर लिया था। वर्तमान में मास्को में देर से चरण के परीक्षण के तहत है। तीसरे चरण के परीक्षण में कुल 40,000 स्वयंसेवक शामिल होंगे, जिसमें एक चौथाई को प्लेसबो शॉट प्राप्त होगा।

रूस में मिल चुकी है मंजूरी

रूस इसे पहले ही मंजूरी दे चुका है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया था कि यह प्रभावी और सुरक्षित है। उन्होंने कहा था कि दुनिया के पहले टीके को सरकार ने सख्त रूसी कानून की कसौटी पर परखने के बाद मंजूरी दी है और ये कानून अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। 

पुतिन ने कहा कि उनकी एक बेटी को भी टीका दिया गया है और उसमें एंटीबॉडी विकसित हुए हैं एवं वह बेहतर है। हालांकि, रूसी अधिकारियों ने इस दावे को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं दिए हैं।  

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संदेह में है टीका
दुनियाभर में अनेक वैज्ञानिक इस कदम को संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं और तीसरे चरण के परीक्षण से पहले टीके का पंजीकरण करने के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। किसी भी टीके का तीसरे चरण का परीक्षण आम तौर पर हजारों लोगों पर महीनों तक चलता है।  

गैमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया टीका
बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन को मॉस्को के गैमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा बनाया गया है और इसे पंजीकरण के बाद जल्द ही सार्वजनिक उपयोग के लिए अनुमति मिल सकती है।

तीसरे चरण का ट्रायल जारी
इस वैक्सीन ने जुलाई के दूसरे सप्ताह में ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण पूरा किया था और इसका दूसरा चरण 13 जुलाई को शुरू हुआ था। आमतौर पर किसी वैक्सीन को सार्वजनिक उपयोग के लिए तब तक अनुमति नहीं मिलती है, जब तक वो मानव परीक्षणों के तीन चरणों को पूरा नहीं करती है। रूस के इस टीके का तीसरा चरण अभी जारी है।

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सफल रहे परिणाम
चेक-अप में सामने आया है कि वैक्सीन ने वालंटियर्स में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाया है। सबसे बड़ी बात कि वालंटियर्स के शरीर में इसका कोई दुष्प्रभाव या समस्या नहीं पाई गई है।

लोगों में विकसित हुई प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता 
रूस ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल में जिन लोगों को यह वैक्सीन लगायी गयी, उन सभी में सार्स-सीओवी-2 के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता पायी गयी। यह ट्रायल 42 दिन पहले शुरू हुआ था। उस समय वॉल‍ंटियर्स को मॉस्को के बुरदेंको सैन्य अस्पताल में कोरोना वैक्सीन लगायी गयी थी।

हर महीने होगा कई मिलियन डोज का निर्माण 
बताया जा रहा है कि रूस अगले साल की शुरुआत तक प्रति माह कोरोना वायरस के कई मिलियन डोज का निर्माण करेगा।

नहीं दिखा कोई साइड इफेक्ट
जांच परिणाम की वैक्सीन की तारीफ हुई है। समीक्षा के परिणामों से यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि वैक्सीन लगने की वजह से लोगों के अंदर मजबूत रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया विकसित हुई है। कहा कि किसी भी वॉलंटियर में कोई भी नकारात्मक साइड इफेक्ट नहीं आयी।

Web Title: COVID-19 vaccine: Russia claim COVID-19 vaccine Sputnik V is 92% effective at protecting people from coronavirus

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