Covid-19: WHO का दावा, भारत में लंबे समय तक रहेगा कोरोना, जानिये बच्चों पर क्या होगा प्रभाव

By उस्मान | Published: August 26, 2021 08:53 AM2021-08-26T08:53:33+5:302021-08-26T08:53:33+5:30

WHO ने कहा है कि भारत में कोविड-19 महामारी ने स्थानिक यानि एंडेमिक फेज में प्रवेश कर लिया है

covid-19 update in India: WHO Chief Scientist said, India May Be Entering Endemic Stage Of Covid | Covid-19: WHO का दावा, भारत में लंबे समय तक रहेगा कोरोना, जानिये बच्चों पर क्या होगा प्रभाव

कोरोना वायरस

Highlightsभारत में कोविड-19 महामारी ने स्थानिक यानि एंडेमिक फेज में प्रवेश कर लिया है अब लंबे समय तक रहेगा कोरोनालोगों को कोरोना के साथ रहना सीखना होगा

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी ने स्थानिक यानि एंडेमिक फेज में प्रवेश कर लिया है, जहां निम्न या मध्यम स्तर का संक्रमण जारी रहेगा. स्थानिक अवस्था तब होती है जब कोई आबादी वायरस के साथ रहना सीख जाती है.

स्वामीनाथन के मुताबिक यह बहुत संभव है कि अब कोरोना का प्रभाव पूरे देश में एक साथ नहीं होगा बल्कि यह कुछ-कुछ क्षेत्रों में केसेज में उतार-चढ़ाव की स्थिति इसी तरह जारी रहेगी.

एंडेमिक फेज क्या है? 
एंडेमिक फेज महामारी के चरण से उलट है. महामारी के चरण में वायरस आबादी पर हावी हो जाता है. स्वामीनाथन से जब पूछा गया कि भारत में ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हो रही है, तो उन्होंने भारत की विविधता को इसकी वजह बताया.

स्वामीनाथन ने कहा कि विभिन्न हिस्सों में जनसंख्या की विविधता और प्रतिरक्षा की स्थिति के कारण देश में ऐसी स्थिति बन सकती है. 

कोवैक्सीन को जल्द मिल सकती है डब्ल्यूएचओ की मंजूरी 
भारत में निर्मित कोवैक्सीन की डब्ल्यूएचओ में लंबित मंजूरी को लेकर पूछे गए सवाल पर स्वामीनाथन ने उम्मीद जताई कि डब्ल्यूएचओ का तकनीकी समूह कोवैक्सीन को अधिकृत टीकों में जल्द शामिल करने की मंजूरी दे सकता है.

स्वामीनाथन ने कहा कि सितंबर के मध्य तक ऐसा हो सकता है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि 2022 के अंत तक 'हम उस स्थिति में होंगे कि हम 70 प्रतिशत तक टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे और फिर देशों में हालात वापस सामान्य हो सकते हैं.'

बच्चों पर कोरोना का प्रभाव
वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि बच्चों पर कोरोना के प्रभाव को लेकर माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सीरो सर्वेक्षण को देखें और हमने अन्य देशों से जो सीखा है, उससे पता चलता है कि बच्चों में संक्रमण फैल सकता है लेकिन अधिकतर बच्चों को बीमारी के बहुत हल्कें लक्षण देखने मिलेंगे.

इससे पहले भी डॉ स्वामीनाथन ने आईसीएमआर के सीरोसर्वे का हवाला देते हुए कहा था कि सीरोसर्वे में 65% बच्चों और व्यस्कों में एंटीबडीज होने का पता लगा है. 

स्वामीनाथन ने जोर देकर कहा कि आईसीएमआर के डेटा से यह साबित होता है कि कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी बच्चें कोविड से हल्के तौर पर प्रभावित हुए थे इसलिए आगे भी बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने के संबंध में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

दुनिया में वैक्सीन को लेकर बढ़ती असामनता के बीच संगठन ने अमीर देशों से फिर एक बार कोरोना वायरस की बूस्टर डोज पर फिलहाल के लिए रोक लगाने का आग्रह किया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने वैश्विक वैक्सीन असमानता को कम करने और नए कोरोनावायरस वेरिएंट को लेकर आगाह करते हुए. अमीर देशों से कोरोना टीकों के बूस्टर शॉट्स पर फैसला अगले दो महिने के लिए टालने की अपील की है. संगठन ने इन देशों से  ऐसा करने के लिए इसलिए  कहा है, ताकि गरीब देशों में कम से कम 10 फीसदी टीकाकरण के लक्ष्य को पाया जा सके. 

बूस्टर की जरूरत नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अब तक यह सिद्ध नहीं हुआ है कि वैक्सीन की दो डोज ले चुके लोगों को बूस्टर डोज देना संक्रमण का प्रसार रोकने में प्रभावी हैं या नहीं. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक गाब्रिएल तेद्रोस ने इस बात पर चिन्ता ज़ाहिर की है कि धनी देशों में प्रति 100 लोगों में लगभग 100 वैक्सीन मुहैया कराये जा चुके हैं जबकि, वैक्सीन की कमी के कारण, निर्धन देशों में प्रति 100 लोगों में केवल 1.5 लोगों को ही वैक्सीन उपलब्ध हो सकी है. 

उन्होंने ने कहा कि हमें यह समझना चाहिए की जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है.

Web Title: covid-19 update in India: WHO Chief Scientist said, India May Be Entering Endemic Stage Of Covid

स्वास्थ्य से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे