Covid C.1.2 variant: एक्सपर्ट का दावा, डेल्टा से ज्यादा घातक हो सकता है कोरोना का नया रूप C.1.2, जानें 10 अहम बातें

By उस्मान | Published: September 3, 2021 08:10 AM2021-09-03T08:10:45+5:302021-09-03T08:14:20+5:30

संक्रामक रोग विशेषज्ञ और महाराष्ट्र कोविड-19 कार्यबल के सदस्य डॉ. वसंत नागवेकर ने यह बात कही

Covid-19 news variant C.1.2 facts: experts claim new Covid-19 variant C.1.2 may be more infectious, amazing facts about C.1.2 in Hindi | Covid C.1.2 variant: एक्सपर्ट का दावा, डेल्टा से ज्यादा घातक हो सकता है कोरोना का नया रूप C.1.2, जानें 10 अहम बातें

कोरोना वायरस

Highlightsदक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में पाया गया कोरोना वायरस का एक नया स्वरूप पहले के स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता हैसंक्रामक रोग विशेषज्ञ और महाराष्ट्र कोविड-19 कार्यबल के सदस्य डॉ. वसंत नागवेकर ने यह बात कही

दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में पाया गया कोरोना वायरस का एक नया स्वरूप सी.1.2 (C.1.2) वायरस के पहले के स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है और कोविड-19 टीके द्वारा प्रदान किए जाने वाले सुरक्षा कवच को भेद सकता है। 

संक्रामक रोग विशेषज्ञ और महाराष्ट्र कोविड-19 कार्यबल के सदस्य डॉ. वसंत नागवेकर ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। डॉ नागवेकर ने कहा कि कोरोना वायरस के नये स्वरूप की उत्परिवर्तन दर वायरस के अन्य स्वरूपों के मुकाबले दोगुणा अधिक है। 

हालांकि, उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के इस नये स्वरूप के बारे में अभी बहुत कम जानकारी ही उपलब्ध है और इसके विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है। 

डॉ नागवेकर ने एक वक्तव्य में कहा, "सार्स-कोव-2 वायरस के एक नये स्वरूप सी.1.2 की दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में पहचान की गयी है। इसको लेकर चिंता जताई जा रही है कि यह अधिक संक्रामक हो सकता है और कोविड-19 टीके द्वारा प्रदान किए जाने वाले सुरक्षा कवच को भेद सकता है। कोरोना वायरस का यह स्वरूप पहले पाए गए अन्य स्वरूपों की अपेक्षा अधिक तेज गति से उत्परिवर्तन करता है। 

कोरोना वायरस सी.1.2 से जुड़ी 10 अहम बातें

- वैज्ञानिकों ने कहा है कि C.1.2 से 13 अगस्त तक चीन, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, मॉरीशस, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड में पाया गया है।

- 24 अगस्त को प्रीप्रिंट रिपॉजिटरी MedRxiv पर पोस्ट किए गए पीयर-रिव्यू अध्ययन के अनुसार, C.1.2 ने C.1 की तुलना में काफी हद तक उत्परिवर्तित किया है, जोकि दक्षिण अफ्रीका में पहली लहर में सार्स-को-2 संक्रमणों पर हावी होने वाली वंशावली में से एक है। 

- शोधकर्ताओं ने कहा कि नए संस्करण में दुनियाभर में पाए गए वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) यावैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) की तुलना में अधिक उत्परिवर्तन की क्षमता है।

- वैज्ञानिकों ने कहा है कि C.1.2 के उपलब्ध अनुक्रमों की संख्या दक्षिण अफ्रीका और दुनिया भर में भिन्नता के प्रसार और आवृत्ति का एक कम प्रतिनिधित्व हो सकती है।

- अध्ययन में दक्षिण अफ्रीका में हर महीने C.1.2 जीनोम की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई, जो मई में अनुक्रमित जीनोम के 0.2 प्रतिशत से बढ़कर जून में 1.6 प्रतिशत और फिर जुलाई में 2 प्रतिशत हो गई।

- अध्ययन के लेखकों ने कहा है कि कोरोना वायरस का यह नया रूप शुरुआती पहचान के दौरान देश में बीटा और डेल्टा वेरिएंट की तरह बढ़ता नजर आया।

- अध्ययन के अनुसार, C.1.2 वैरिएंट में प्रति वर्ष लगभग 41.8 उत्परिवर्तन की उत्परिवर्तन दर है, जो अन्य प्रकारों की वर्तमान वैश्विक उत्परिवर्तन दर से लगभग दोगुनी है।

- वायरोलॉजिस्ट उपासना रे ने कहा कि यह वेरिएंट स्पाइक प्रोटीन में C.1.2 लाइन में जमा हुए कई म्यूटेशन का परिणाम है, जो इसे 2019 में चीन के वुहान में पहचाने गए मूल वायरस से बहुत अलग बनाता है।

- कोलकाता के सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी से सुश्री रे के अनुसार, यह अधिक तेजी से फैलने की क्षमता है। चूंकि स्पाइक प्रोटीन में बहुत सारे उत्परिवर्तन होते हैं, इसलिए इसका परिणाम प्रतिरक्षा से बच सकता है। 

- उन्होंने बताया कि जिस गति से यह फैलता है उसे देखकर लग रहा है कि दुनिया भर में टीकाकरण अभियान एक बड़ी चुनौती बनने वाला है।

Web Title: Covid-19 news variant C.1.2 facts: experts claim new Covid-19 variant C.1.2 may be more infectious, amazing facts about C.1.2 in Hindi

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