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WHO ने फाइजर वैक्सीन को दी मंजूरी, जानें भारत में कब मिलेगा टीका, क्या होगी कीमत, जानिये टीके की 14 खास बातें

By उस्मान | Updated: January 1, 2021 10:27 IST

who से मंजूरी मिलने के बाद अब गरीब देशों में भी यह वैक्सीन आसानी से मिलने लगेगी, भारत में भी कंपनी ने आवेदन किया है

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ठळक मुद्देअब गरीब देशों में मिलने लगेगी यह वैक्सीनकंपनी ने भारत में भी किया आवेदन टीके को 90 फीसदी प्रभावी बताया जा रहा है

कोरोना वायरस से दुनियाभर में 1,825,780 लोगों की मौत हो गई है और अभी तक इस वायरस की चपेट में 83,809,705 लोग आ गए हैं। हालांकि कुल संक्रमितों में 59,325,746 ठीक भी हुए हैं। 

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए फाइजर-बायोएनटेक के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है और अब गरीब देशों को भी ये टीके उपलब्ध हो सकेंगे। ये टीके अभी तक यूरोप और उत्तर अमेरिका में ही उपलब्ध थे। 

- देशों की औषध नियामक एजेंसी किसी भी कोविड-19 टीके के लिए अपनी ओर से मंजूरी देती हैं, लेकिन कमजोर प्रणाली वाले देश आमतौर पर इसके लिए डब्ल्यूएचओ पर निर्भर करते हैं। 

- कोविड-19 के टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के उसके फैसले से 'देशों को अवसर मिलेगा कि वे टीके आयात करने तथा इन्हें लगाने संबंधी अपने नियामकों की मंजूरी प्रक्रिया को गति प्रदान कर सकें।

- फाइजर-बायोएनटेक द्वारा निर्मित टीका 'संगठन द्वारा तय किए गए सुरक्षा मानकों एवं अन्य मापदंडों पर खरा उतरा है।' 

- गौरतलब है कि इस टीके को अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ समेत अनेक देश मंजूरी दे चुके हैं। 

- इस टीके को बहुत ही कम तापमान पर रखना होता है जो विकासशील देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

 

- फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर ने अपनी कोरोना टीके के आपातकालीन टीकाकरण के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है।

- फाइजर इंडिया ने 4 दिसंबर को भारत में टीकाकरण के लिए आवेदन किया है। ब्रिटेन ने फाइजर के कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दे दी है. बहरीन इसे अनुमति देने वाला दूसरा देश है।

- कंपनी ने संयुक्त राज्य अमेरिका में आपातकालीन टीकाकरण के लिए मंजूरी दी है। संयुक्त राज्य अमेरिका के फाइजर ने कोरोना वायरस के खिलाफ 90 प्रतिशत प्रभावी टीका विकसित किया था।  

- जिन स्वयंसेवकों का कोरोना टीका लगाया गया है, वे टीकाकरण होने के बाद कैसा महसूस करते हैं, इस बारे में चौंकाने वाले खुलासे करने लगे हैं। कुछ स्वयंसेवकों ने कहा कि टीका लगने के बाद यह हैंगओवर जैसा महसूस हुआ।

- सिरदर्द, बुखार और मांसपेशियों में दर्द शुरू हो गया था। जैसा कि फ्लू के टीके में महसूस होता है। वैक्सीन का दूसरा चरण और भी गंभीर था।

- कंपनी फाइजर ने कहा है कि दुनिया के विभिन्न देशों में उसके कोविड-19 टीके का दाम अलग-अलग होगा। कंपनी का इरादा इस टीके को दुनियाभर में उपलब्ध कराने का है। 

- वैक्सीन की कीमत के पीछे कंपनी का आधार यह है कि इसे जल्द से जल्द सभी को उपलब्ध कराया जाए। इस टीके का भिन्न देशों में अलग-अलग दाम होगा। 

- विकसित देशों में टीके की कीमत उनके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधार पर तय की जाएगी। वहीं मध्यम आय वर्ग के देशों के लिए इसकी कीमत और कम होगी।

- वहीं निचली आय वाले देशों मसलन अफ्रीका को यह टीका बिना किसी लाभ के उपलब्ध कराया जाएगा। विकसित देशों में भी टीके की कीमत इतनी ही रखी जाएगी, जिसे वे आसानी से वहन कर सकें। अ

- अमेरिका में टीके का दाम 19.50 डॉलर है, जो वहां एक बार के भोजन का औसत दाम है। उन्होंने कहा कि कंपनी विभिन्न सरकारों से वैक्सीन के लिए बात कर रही है।  

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