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COVID-19 vaccine: देश में कोरोना के करीब 95 लाख केस, सबको नहीं लगेगा टीका, जानें टीकाकरण का काम कहां तक पहुंचा

By उस्मान | Updated: December 2, 2020 09:28 IST

जानिये भारत में कौन-कौन से टीके बन रहे हैं और टीकाकरण कब शुरू हो सकता है

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ठळक मुद्देदेश में कोरोना के मामले पहुंचे 95 लाख के करीबकेंद्र के अनुसार पूरी आबादी को नहीं लगेगा कोरोना का टीकादेश में बन रहे हैं कोरोना के पांच टीके, अगले साल तक आने की उम्मीद

देश में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ रह है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से अब तक लगभग 95 लाख लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से 138,159 लोगों की मौत हो गई है। 

कोरोना की रोकथाम और इलाज के लिए कई वैक्सीन का अंतिरम परीक्षण जारी है और अगले साल तक कोई न कोई टीका आ सकता है। भारत में कोरोना के पांच टीके विकसित हो रहे हैं। देश में टीकाकरण के लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। चलिए जानते हैं टीकाकरण का काम कहां तक पहुंचा है। 

पूरे देश की आबादी को नहीं लगगे कोविड-19 का टीका केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि पूरे देश की आबादी को कोविड-19 का टीका लगाने के बारे में कभी कोई बातचीत नहीं हुई। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड टीका अभियान का उद्देश्य संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ना होगा।

अगर हम आबादी के कुछ हिस्से का टीकाकरण करने और संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने में सक्षम हैं तो हमें देश की पूरी आबादी के टीकाकरण की आवश्यकता नहीं होगी। 

समय पर बनेगा ऑक्सफोर्ड का टीकाकेंद्र ने कहा कि चेन्नई में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविड-19 टीके के परीक्षण में हिस्सा लेने वाले एक भागीदार के कथित तौर पर दिक्कतों का सामना करने के संबंध में शुरूआती निष्कर्षों के मद्देनजर परीक्षण रोकने की आवश्यकता नहीं थी। साथ ही स्पष्ट किया कि इस घटना का किसी भी तरीके से टीके को पेश करने की समय-सीमा पर असर नहीं पड़ेगा। 

भारत में 'स्पूतनिक-वी' का परीक्षण शुरूउधर, डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्थित कसौली की केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद कोविड-19 के लिए विकसित टीके 'स्पूतनिक-वी' के भारत में क्लीनिकल परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की शुरुआत की है।

कोविशील्ड की जांच करेगा डीसीजीआई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा परीक्षण के दौरान सामने आए ‘अप्रिय चिकित्सा घटना’ की जांच भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) कर रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके कि घटना और उन्हें दिए गए डोज के बीच कोई संबंध है। 

पिछले हफ्ते चेन्नई में 'कोविशील्ड' टीके के परीक्षण के तीसरे चरण में 40 वर्षीय एक व्यक्ति ने गंभीर दुष्प्रभाव की शिकायतें कीं जिसमें तंत्रिका तंत्र में खराबी आना और बोध संबंधी दिक्कतें पैदा होना शामिल हैं। 

टीकाकरण अभियान के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की पहचानकेंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे एक बार टीका उपलब्ध हो जाने की स्थिति में कोविड-19 टीकाकरण अभियान को अंजाम देने के लिए डॉक्टरों, दवा विक्रेताओं, एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न सहित स्वास्थ्यकर्मियों की पहचान करें। कहा है कि एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न सहित नर्सों, सहायक नर्सों और दवा विक्रेताओं की टीकाकरण अभियान को अंजाम देने के लिए पहचान की जाए।

देश में कोरोना के मामले 95 लाख के करीबदेश में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 9,499,710 हो गई है। देश में संक्रमण के कारण अब तक 9,499,710 लोग दम तोड़ चुके हैं। संक्रमण से अब तक 8,931,798 लोग ठीक हो चुके हैं जिससे ठीक होने की दर 93.94 प्रतिशत हो गयी है। कोविड-19 की मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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