COVID Tips: एम्स डायरेक्टर ने कहा-होम आइसोलेशन में न लें 'रेमडेसिविर', जानिये घर में अलग कितने दिनों तक रहें
By उस्मान | Published: May 2, 2021 09:57 AM2021-05-02T09:57:03+5:302021-05-02T10:01:23+5:30
एम्स का मानना है कि यह इंजेक्शन केवल गंभीर मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर दिया जाना चाहिए
कोरोना महामारी के दौरान एंटीवायरल रेमडेसिविर दवा को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों में इस दवा की कमी और कालाबाजारी की भी रपटें हैं। यह दवा कोरोना का पक्का इलाज नहीं करती लेकिन सांस की समस्या में काम आती है।
इस बीच एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के जिन मरीजों का इलाज घर पर किया जा रहा है, उन्हें घर पर एंटीवायरल रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं दिया जाना चाहिए।
रेमडेसिविर इंजेक्शन सिर्फ गंभीर मरीजों के लिए
इंडिया डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार,एम्स प्रमुख ने कहा कि रेमेडिसविर को केवल मध्यम या गंभीर सीओवीआईडी मामलों में ही दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सिस्टेमिक स्टेरॉयड भी डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए।
कोरोना मरीज को घर में कब तक अलग रहना चाहिए
उन्होंने कहा, 'कोरोना से संक्रमित लोगों को अपने घर में यानी होम आइसोलेशन में लक्षणों की शुरुआत से कम से कम 10 दिन और अगर 3 दिनों तक बुखार नहीं है, तब रहना चाहिए। अगर सब कुछ ठीक है तो आपको इसके बाद टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
गंभीर मरीजों को डॉक्टर के परामर्श पर ही रेमडेसिविर
केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि चिकित्सा प्रोटोकॉल के तहत सीमित तौर पर केवल कोविड-19 के गंभीर मरीजों को ही चिकित्सक के परामर्श के आधार पर वायरल-रोधी दवा रेमडेसिविर का टीका लगाया जाएगा।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया गया कि कुछ समय से इस बात की मांग बढ़ रही है कि ऐसे लोगों को भी रेमडेसिविर के उपयोग की अनुमति दी जाए जोकि घर में रहकर निजी चिकित्सा परामर्श के जरिए अपना उपचार करा रहे हैं।
केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा, 'इस मांग के पक्ष में यह तर्क दिया जा रहा है कि रेमडेसिविर के उपयोग की अनुमति देने से अस्पतालों पर बोझ कम हो जाएगा और इस तरह एक मरीज घर पर ही रहकर अपने निजी डॉक्टर से उपचार करवा सकता है। पहली नजर में यह एक आकर्षक तर्क नजर आता है।'
उन्होंने कहा, 'विशेषतौर पर जब रेमडेसिविर टीका चिकित्सा सुझाव के आधार पर घर में ही मौजूद मरीज को एक पेशेवर डॉक्टर द्वारा लगाए जाने का सवाल है तो ऐसे में रेमडेसिविर के उपयोग को केवल बेहद गंभीर मरीजों के लिए सीमित रहना चाहिए।
भारत में 24 घंटे में कोरोना से सबसे अधिक 3689 लोगों की मौत
भारत में कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 3689 लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह इसकी जानकारी दी गई। देश में एक दिन में कोरोना से हुई ये सबसे अधिक मौतें हैं। वहीं इसी अवधि में तीन लाख 92 हजार 488 नए मामले भी सामने आए हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में ही शनिवार को 412 लोगों ने दम तोड़ दिया। ये एक दिन में दिल्ली में कोरोना से सबसे ज्यादा हुई मौत है। वहीं राजधानी में संक्रमण के 25,219 नए मामले भी सामने आए। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में में अभी संक्रमण दर 31.61 फीसदी है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)