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Coronavirus: वैज्ञानिकों ने लगाया पता, महिलाओं के शरीर में इस खास चीज की वजह से पुरुषों के मुकाबले कम हो रहा है कोरोना

By उस्मान | Updated: August 29, 2020 10:13 IST

वैज्ञानिकों ने पाया है कि महिलाओं के शरीर में एक खास हार्मोन पाया जाता है जो वायरस के खतरे को कम कर सकता है

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ठळक मुद्देफीमेल सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन ACE2) के लेवल को कम कर सकता हैACE2 हृदय, धमनियों, गुर्दे और आंतों में कोशिका झिल्ली से जुड़ा है

वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि पुरुषों के मुकाबले में महिलाओं में कोरोना वायरस का जोखिम क्यों है? अमेरिका में वेक फॉरेस्ट बैप्टिस्ट मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि फीमेल सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन (estrogen) दिल में एंजियोटेंसिन-कंवर्टिंग एंजाइम2 (ACE2) के लेवल को कम कर सकता है, जो महिलाओं में कोविड-19 की गंभीरता को नियंत्रित कर सकता है।

लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, जर्नल हाइपरटेंशन रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन में सेक्स से रिलेटेड हार्मोन, खासकर एस्ट्रोजन पर प्रीक्लिनिकल डेटा की समीक्षा की गई। रिसर्च के प्रमुख लेखक लीन स्नेबन ने कहा, 'हम जानते हैं कि कोरोना वायरस दिल को प्रभावित करता है और महिलाओं में हृदय रोग के प्रति एस्ट्रोजेन सुरक्षात्मक है, इसलिए सबसे अधिक संभावना यह है कि लिंगों के बीच हार्मोनल अंतर प्रतीत होता है।' 

शोधकर्ताओं ने कहा कि ACE2, जो हृदय, धमनियों, गुर्दे और आंतों में कोशिका झिल्ली से जुड़ा है, कोरोना वायरस के सेलुलर रिसेप्टर है जो कोविड-19 संक्रमण के लिए जिम्मेदार है और उन कोशिकाओं में वायरस लाने में मदद करता है। समीक्षा में पाया गया है कि एस्ट्रोजेन दिल में ACE2 के स्तर को कम कर सकता है, जो महिलाओं में कोविड-19 की गंभीरता को नियंत्रित कर सकता है।

यह भी हैं कुछ कारण

उम्र मममिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसका एक बड़ा कारण उम्र बताया जा रहा है। कई अध्ययन में यह दावा किया जा चुका है कि महिलाएं भी पुरुषों की तुलना में औसतन छह साल अधिक जीवित रहती हैं, इसलिए कमजोर आबादी में पुरुषों की तुलना में अधिक बुजुर्ग महिलाएं हैं।

पुरानी बीमारियां अन्य प्रमुख कारक पुरानी बीमारियां जैसे हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर है। ये सभी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक आम हैं, जो इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। अब सवाल यह है कि पुरुषों को इन बीमारियों की अधिक संभावना क्यों है? 

स्मोकिंग की लतएक आशंका यह भी है कि इसकी एक वजह महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में लंबे समय तक धूम्रपान की आदत हो सकती है। चीन में दुनिया में धूम्रपान करने वालों की सबसे बड़ी आबादी है। दुनिया के धूम्रपान करने वालों में से लगभग एक तिहाई लोग चीन में हैं। लेकिन पुरुषों के के मुकाबले सिर्फ 2 प्रतिशत चीनी महिलाएं धूम्रपान करती हैं। 

हार्मोन में अंतर वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ जैविक कारक भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं जिसमें महिला सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन भी शामिल है, जो प्रतिरक्षा में बड़ी भूमिका निभाता है। यह तथ्य कि महिलाओं में दो एक्स गुणसूत्र होते हैं, जिसमें प्रतिरक्षा संबंधी जीन होते हैं। जाहिर है पुरुषों में केवल एक गुणसूत्र होता है।

डायबिटीज और ब्लड प्रेशर चीन के पुरुषों में महिलाओं की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मामले अधिक हैं। यह दोनों कारक कोरोनो वायरस की जटिलताओं के जोखिम को बढ़ाते हैं। चीन में पुरुषों में पुरानी फेफड़े की बीमारी की दर महिलाओं की तुलना में लगभग दोगुनी है।

यौन संबंध वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान महामारी में पुरुषों के खिलाफ कई कारक काम कर सकते हैं। इनमें कुछ ऐसे हैं जो जैविक हैं और कुछ जो जीवनशैली से जुड़े हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि यौन संबंध बनाने की वजह से अधिक पुरुषों का इम्यून सिस्टम वायरस के खिलाफ बेहतर तरीके से रेस्पोंस नहीं कर पाता है।

जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की वैज्ञानिक सबरा क्लेन के अनुसार, यह एक ऐसा पैटर्न है जिसे हमने श्वसन पथ के कई वायरल संक्रमणों के साथ देखा है। इस मामले में पुरुषों के परिणाम खराब हो सकते हैं। हमने यह अंतर अन्य वायरस के साथ भी देखा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं उनसे बेहतर तरीके से लड़ती हैं। टीकाकरण के बाद महिलाओं का इम्यून रेस्पोंस बेहतर रहता है और उनका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनता है।  

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