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'रेमेडिसीवर' दवा ने लंगूरों में कोरोना का प्रभाव कम किया, जानें कोरोना मरीजों के लिए कितनी कारगर है दवा

By भाषा | Updated: June 10, 2020 16:29 IST

Coronavirus medicine: कई देशों में कोरोना के मरीजों को यह दवा दी जा रही है

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ठळक मुद्देदावा है कि यह दवा फेफडों का रोग नहीं होने देती हैकोरोना के मरीजों को शुरू में ही यह दवा देने से उन्हें निमोनिया नहीं होतादवा का परीक्षण कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में किया जा रहा है

कोरोना वायरस का अभी तक कोई स्थायी इलाज, दवा या टीका विकसित नहीं हुआ है। हालांकि वैज्ञानिक दिन-रात इनकी खोज में जुटे हैं। फिलाहल कोरोना के मरीजों को रेमेडिसीवर, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल जैसी दवाएं दी जा रही हैं। इस बीच एक नए अध्ययन में पाया गया है कि एंटीवायरस दवा ‘रेमेडिसीवर’ सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित लंगूरों में वायरस की मात्रा कम करता है और उन्हें फेफडों का रोग नहीं होने देता। 

पशुओं में सार्स-सीओवी को रोकने में प्रभावी है दवाजर्नल ‘नेचर’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस के मरीजों को शुरू में ही यह दवा देने से उन्हें निमोनिया नहीं होता। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि रेमेडिसीवर का दायरा काफी व्यापक है और यह पशुओं में सार्स-सीओवी और मेर्स-सीओवी में संक्रमण को रोकने में काफी प्रभावी साबित हुई है।

फेफड़ों को नुकसान से बचने में सहायकउन्होंने बताया कि दवा का परीक्षण कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में किया जा रहा है। अनुसंधानकर्ता एमी डी विट और उनके सहयोगियों ने रेमेडिसीवर के प्रभाव का बंदरों की पुरानी प्रजाति पर अध्ययन किया और पाया कि जिन लंगूरों को यह दवा दी गई उनमें सांस संबंधी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए और उनके फेफड़ों को भी कम क्षति पहुंची है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में शुरूआती दौर में इस दवा का इस्तेमाल उपचार को प्रभावी बना सकता है।

 

भारत में लगातार छठे दिन बुधवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के भीतर कोरोना वायरस के 9,500 से अधिक मामले सामने आए और 279 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,76,583 हो गई है और 7,745 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं।

जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अमेरिका, ब्राजील, रूस और ब्रिटेन के बाद भारत कोविड-19 से सबसे बुरी तरह प्रभावित पांचवां देश है। मंत्रालय ने बताया कि देश में अब भी 1,33,632 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि 1,35,205 लोग स्वस्थ हो गए और एक मरीज देश छोड़कर चला गया। 

इनमें से सबसे अधिक 3,289 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। इसके बाद गुजरात में 1,313, दिल्ली में 905, मध्य प्रदेश में 420, पश्चिम बंगाल में 415, तमिलनाडु में 307, उत्तर प्रदेश में 301, राजस्थान में 255 और तेलंगाना में 148 लोगों की मौत हुई। आंध्र प्रदेश में 77, कर्नाटक में 66 और पंजाब में 55 लोगों ने जान गंवाई। इस बीमारी के कारण जम्मू कश्मीर में 48, हरियाणा में 45, बिहार में 32, केरल में 16, उत्तराखंड में 13, ओडिशा में नौ, झारखंड में आठ और छत्तीसगढ़ में छह लोगों ने दम तोड़ा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह तक जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमितों के सबसे अधिक 90,787 मामले महाराष्ट्र में हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 34,914, दिल्ली में 31,309, गुजरात में 21,014, उत्तर प्रदेश में 11,335, राजस्थान में 11,245 और मध्य प्रदेश में 9,849 मामले सामने आए हैं। पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामले बढ़कर 8,985, कर्नाटक में 5,921, बिहार में 5,459 और हरियाणा में 5,209 हो गए। 

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