Coronavirus: क्या कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी बच्चे को स्तनपान करा सकती है मां ?
By उस्मान | Published: August 6, 2020 09:29 AM2020-08-06T09:29:14+5:302020-08-06T09:43:30+5:30
Coronavirus and breastfeeding: डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मां के दूध में कोरोना वायरस एम्नियोटिक द्रव नहीं होता है
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया कि वे माताओं को आश्वस्त करें कि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के तहत कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भी वे बच्चे को अपना दूध पिला सकती हैं। मंत्रालय ने कहा कि मां के कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर स्तनपान से बच्चे को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
मां के दूध में नहीं होता कोरोना वायरस एम्नियोटिक द्रव
जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं या उन्हें संक्रमित होने का संदेह वे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करें। माताओं को आश्वस्त करते हुए मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस एम्नियोटिक द्रव या मां के दूध में नहीं होता। इसका मतलब है कि गर्भावस्था के दौरान या स्तनपान से वायरस का प्रसार नहीं हो रहा।
मंत्रालय ने कहा, क्षेत्रीय पदाधिकारी और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता मांओं को आश्वस्त करें कि कोविड-19 के डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भी वे बच्चे को अपना दूध पिला सकती हैं।'
इन बातों का ध्यान रखें महिलाएं
बच्चे से सम्पर्क में आने से पहले और बाद में हाथ को अच्छे से साबुन से धोएं या सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। मां के दूध के अलावा यदि कोई और दूध बच्चे को दिया जा रहा है तो उसके लिए एक कप का इस्तेमाल करें। कप, बोतल, निपल आदि को छूने से पहले अपने हाथ अच्छे से धोएं और बच्चों को कुछ भी खिलाने-पिलाने वाले लोगों की संख्या सीमित रखें।
डब्ल्यूएचओ ने भी माना सुरक्षित है स्तनपान
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित नई माताओं को आमतौर पर स्तनपान जारी रखना चाहिए और अपने शिशुओं से अलग नहीं करना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि स्तनपान से कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बहुत कम है और ऐसा कोई मामला भी सामने नहीं आया है। गौरतलब है कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान यह बयान जारी किया गया है, जो एक से सात अगस्त के बीच मनाया जाता है।
स्तनपान से कम होता है कई बीमारियों का जोखिम
डब्ल्यूएचओ ने कहा, 'हम जानते हैं कि बच्चों को कोरोना का कम जोखिम हैं लेकिन कई अन्य बीमारियों और स्थितियों के उच्च जोखिम को स्तनपान से रोका जा सकता है। उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर डब्ल्यूएचओ की सलाह है कि कोरोना के प्रसारण के किसी भी संभावित जोखिम को दूर करने में स्तनपान का लाभ मिलता है।
लक्षण गंभीर नहीं होने तक करा सकती हैं स्तनपान
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, संदिग्ध या पॉजिटिव लक्षणों वाली महिलाओं को तब तक स्तनपान के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जब तक वो बहुत अस्वस्थ न हो। इसके अलावा उन्हें अपने शिशुओं से अलग नहीं रहना चाहिए।
ब्रेस्ट मिल्क में नहीं मिला जीवित वायरस
डब्ल्यूएचओ के प्रजनन स्वास्थ्य और अनुसंधान विभाग में एक वरिष्ठ सलाहकार अंशु बनर्जी ने कहा कि ब्रेस्ट मिल्क में वायरस के केवल "टुकड़े" पाए गए थे, जीवित वायरस नहीं। अभी तक हम ब्रेस्ट मिल्क में जीवित वायरस का पता नहीं लगा पाए हैं। इसलिए अब तक मां से बच्चे तक संचरण का जोखिम का पता नहीं लग पाया है।