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सिर्फ जंक फूड्स से नहीं, फिनाइल जैसी सफाई की चीजों से भी बढ़ता है बच्चों का वजन

By उस्मान | Updated: September 21, 2018 07:46 IST

एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि फिनायल, हारपिक, लाइजोल और इस तरह के अन्य उत्पाद बच्चों के 'गट माइक्रोब्स' (मानव के पाचन तंत्र में रहने वाले सूक्ष्म जीव) में बदलाव कर बच्चों में वजन बढ़ने की प्रवृत्ति को बढ़ा सकते हैं। 

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शोधार्थियों ने दावा किया है कि घरों में साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले कीटाणुनाशक और अन्य केमिकल बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ा सकती हैं। एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि फिनायल, हारपिक, लाइजोल और इस तरह के अन्य उत्पाद बच्चों के 'गट माइक्रोब्स' (मानव के पाचन तंत्र में रहने वाले सूक्ष्म जीव) में बदलाव कर बच्चों में वजन बढ़ने की प्रवृत्ति को बढ़ा सकते हैं। 

कैनेडियन मेडिकल ऐसोसिएशन जर्नल में इस बारे में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन के लिए कनाडा की अल्ब्रेटा यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने 3-4 महीने की आयु के 757 शिशुओं के 'गट माइक्रोब्स' का विश्लेषण किया। अध्ययन के दौरान घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले कीटाणुनाशक, सफाई सामग्री और अन्य पर्यावरण हितैषी उत्पाद के प्रभावों का विश्लेषण करते हुए बच्चों का वजन मापा गया।

अध्ययन में यह पाया गया कि घरों में कीटाणुनाशकों का ज्यादा इस्तेमाल किए जाने से 3-4 माह की आयु वाले बच्चों के 'गट माइक्रोब्स' में बदलाव आया। उन्होंने पाया कि अन्य डिटर्जेंट और सफाई में इस्तेमाल होने वाले अन्य उत्पादों का भी बच्चों पर ऐसा ही प्रभाव पड़ा। 

बच्चों में मोटापा बढ़ने के अन्य कारण

- अधिकतर बच्‍चे हफ्ते में करीब 24 घंटे टीवी देखते हैं। इसके अलावा बच्‍चे ऑनलाइन वीडियो गेम भी खेलते हैं। कई सर्वे से यह बात साफ हो चुकी है कि ज्‍यादा टीवी देखने से बच्‍चों में मोटापे का खतरा बढ़ता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि टीवी देखने से बच्‍चों की शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं, और यह मोटापा बढ़ाने में कारगर है।

- एक अध्‍ययन में यह बात सामने आई है कि संपन्‍न परिवारों के बच्‍चे घर के पौष्टिक भोजन की बजाय बाजार की चीजों जैसे जंक फूड आदि का सेवन ज्‍यादा करते हैं। इस तरह की चीजों को खाने से मोटापे का खतरा बढ़ता है। जो बच्‍चे खाना खाने के बाद बैठे रहते हैं, उनके शरीर पर भी अतिरिक्‍त चर्बी हो जाती है।

- पढ़ाई का बढ़ता दबाव और खेल-कूद या शारीरिक व्‍यायाम में कमी आना भी बच्‍चे के वजन बढ़ने का एक कारण है। स्‍कूली बच्‍चे कई बार होम वर्क पूरा करने के चक्‍कर में भोजन भी नहीं खाते और अन्‍य प्रकार की चीजें खाकर पेट भर लेते हैं।  

- साल 2011 में बच्‍चों के विकास पर हुए एक अध्‍ययन के मुताबिक जो महिलाएं ऑफिस जाती हैं उनके बच्‍चे घर पर रहने वाली औरतों के बच्‍चों के मुकाबले ज्‍यादा गोलमटोल होते हैं। इस अध्‍ययन से यह भी पता चला है कि ऑफिस जाने वाली महिलाओं के बच्‍चों का बीएमआई ज्‍यादा होता है।

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