CAR-T Cell Therapy: कैंसर मरीजों के इलाज में राहत की उम्मीद!, स्वदेश में विकसित ‘सीएआर टी-कोशिका’ थेरेपी की शुरुआत, विदेश में खर्च 4 करोड़, जानिए इसके बारे में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 4, 2024 06:50 PM2024-04-04T18:50:10+5:302024-04-04T18:54:30+5:30
CAR T-cell therapy: नेक्ससीएआर19 सीएआर टी-कोशिका थेरेपी भारत की पहली ‘मेड इन इंडिया’ सीएआर टी-कोशिका थेरेपी है जो इलाज की लागत कम लाने में मददगार साबित होगी।
CAR T-cell therapy: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए स्वदेश में विकसित ‘सीएआर टी-कोशिका’ थेरेपी की बृहस्पतिवार को शुरुआत करते हुए इसे एक ‘‘बड़ी उपलब्धि’’ बताया जो इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में ‘‘मानव जाति को एक नयी उम्मीद’’ देती है। यहां पवई में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बंबई में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि इस थेरेपी का विकास ‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक उदाहरण है। अधिकारियों के अनुसार, आईआईटी बंबई और टाटा मेमोरियल सेंटर द्वारा विकसित यह जीन आधारित थेरेपी विभिन्न प्रकार के रक्त कैंसर समेत कैंसर के इलाज में मदद करेगी। नेक्ससीएआर19 सीएआर टी-कोशिका थेरेपी भारत की पहली ‘मेड इन इंडिया’ सीएआर टी-कोशिका थेरेपी है जो इलाज की लागत कम करने में मददगार साबित होगी।
जीन थेरेपी की शुरुआत कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी उपलब्धि
इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सीएआर टी-कोशिका थेरेपी को चिकित्सा विज्ञान में अभूतपूर्व प्रगति में से एक माना जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस थेरेपी का विकास ‘मेक इन इंडिया’ पहल का भी उदाहरण है और यह भारतीय वैज्ञानिकों व चिकित्सकों की क्षमता के बारे में बताती है।’’ मुर्मू ने कहा, ‘‘भारत की पहली जीन थेरेपी की शुरुआत कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी उपलब्धि है।
नेक्ससीएआर19 का भारत के बाहर उपलब्ध इलाज की कीमत से तकरीबन 10 गुना कम खर्च
सीएआर टी-कोशिका थेरेपी इस प्रकार के इलाज को सुगम व किफायती बनाती है जिससे यह पूरी मानव जाति को एक नयी उम्मीद देती है।’’ टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक सुदीप गुप्ता ने कहा कि सीएआर टी-कोशिका थेरेपी एक बेहद महंगा उपचार रही है जो अधिकतर लोगों की पहुंच से बाहर है। उन्होंने कहा, ‘‘नेक्ससीएआर19 का भारत के बाहर उपलब्ध इलाज की कीमत से तकरीबन 10 गुना कम खर्च है।’’
सीएआर टी-कोशिका थेरेपी देश में कैंसर मरीजों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि
आईआईटी बंबई के निदेशक प्रोफेसर शुभाशीष चौधरी ने कहा कि विदेश में इस इलाज की कीमत तकरीबन चार करोड़ रुपये है जबकि भारत में यह खर्च लगभग 30 लाख रुपये होगा। उन्होंने कहा, ‘‘कम कीमत वाली सीएआर टी-कोशिका थेरेपी देश में कैंसर मरीजों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और यह कोशिका व जीन थेरेपी के वैश्विक मानचित्र पर भारत को मजबूत स्थान प्रदान करती है।’’
नेक्ससीएआर19 का विकास कैंसर देखभाल व आनुवंशिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि
चौधरी ने कहा, ‘‘जिस तरह चंद्रयान-3 ने भारत को विशिष्ट अंतरिक्ष क्लब में प्रवेश दिलाया, ठीक उसी तरह सीएआर-टी कोशिका थेरेपी ने कोशिका एवं जेनेटिक इंजीनियरिंग समूह में भारत का प्रवेश कराया है।’’ गुप्ता ने कहा कि नेक्ससीएआर19 का विकास कैंसर देखभाल व आनुवंशिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
इससे हर साल लगभग 20 हजार भारतीयों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह उपचार न केवल सर्वोच्च कोटि की वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि इसका अत्यधिक व्यावहारिक अनुप्रयोग भी है। नेक्ससीएआर19 अनेक जिंदगियों को बचाएगी।’’