लाइव न्यूज़ :

Bharat Biotech COVAXIN update: देसी टीके 'कोवाक्सिन' के तीसरे चरण के ट्रायल का रिजल्ट जारी, टीका 81% असरदार

By उस्मान | Updated: March 3, 2021 18:41 IST

यह भारत में बना कोरोना वायरस का पहला टीका है और इसका इस्तेमाल टीकाकरण में भी किया जा रहा है

Open in App
ठळक मुद्देभारत की पहली देसी वैक्सीन है टीकाकरण में हो रहा है इस्तेमालपहले और दूसरे चरण का रिजल्ट भी रहा बेहतर

हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी भारत बायोटेक ने बुधवार को कोरोना वायरस की वैक्सीन कोवाक्सिन (Covaxin) के तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम जारी किये हैं। कंपनी ने कहा है कि भारत की पहली इस होममेड वैक्सीन की प्रभावशीलता 81% है। इस वैक्सीन का कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान में भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

कंपनी ने कहा है कि यह डेटा 25,800 प्रतिभागियों पर किये गए परीक्षण के आधार पर है, जिन्होंने 1: 1 के अनुपात में एक टीका प्राप्त किया। परीक्षण भारत सरकार के चिकित्सा अनुसंधान निकाय ICMR के साथ साझेदारी में किया गया।

देश में अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल है। बता दें, कि सरकार पहले ही इस टीके को आपातकालीन मंजूरी दे चुकी है और पीएम पीएम मोदी ने भी इसका डोज लिया है।तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा आने से पहले वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने की वजह से विपक्षी पार्टियों और कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे। इसी वजह से कई लोग इस वैक्सीन को लगवाने से कतराते थे।

भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई और वैक्सिन (टीका) की खोज में विज्ञान के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के आज के परिणाम के साथ हमने अपने कोविड- 19 टीके के पहले, दूसरे और तीसरी परीक्षण के आंकड़ों को जारी कर दिया है। इन परीक्षणों में करीब 27,000 व्यक्ति शामिल हुये।’’

हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण के दूसरे चरण में यह टीका लगवाकर संदेश दे दिया था कि टीका पूरी तरह सुरक्षित है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन उस वक्त ट्विटर पर भिड़ गए थे जब तिवारी ने भारत बायोटेक द्वारा देश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के आपात उपयोग की मंजूरी दिए जाने को लेकर सवाल खड़े किए थे।

हर्षवर्धन ने तिवारी पर पलटवार करते हुए कहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सिर्फ अफवाहें फैलाने में लगे हैं। भारत में स्वदेशी रूप से दो टीके ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ विकसित किए गए हैं। कोविशील्ड का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और कोवैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक ने किया है।

देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान आरंभ होने की पृष्ठभूमि में तिवारी ने टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी की प्रकिया पर सवाल खड़े करते हुए दावा किया था कि टीकों के आपात उपयोग की स्वीकृति देने के लिए कोई नीतिगत ढांचा नहीं है।

उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘टीकाकरण आरंभ हो गया है और यह अजीबो-गरीब है कि भारत के पास आपात उपयोग को अधिकृत करने का कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। फिर भी दो टीकों के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी गई।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा था, ‘‘कोवैक्सीन की अलग ही कहानी है। इसे उचित प्रक्रिया के बिना अनुमति दी गई।’’ इस पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट किया था, ‘‘मनीष तिवारी और कांग्रेस को सिर्फ अफवाहें फैलाने की पड़ी है। अपनी आंखे खोलिए.... और जानेमाने चिकित्सक और सरकारी अधिकारी टीका लगवा रहे हैं।’’

टॅग्स :कोरोना वायरसकोवाक्सिनहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंटकोविड-19 इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यगर्भवती महिलाओं के पीने के पानी में पीएफएएस की मौजूदगी उनके शिशुओं के लिए घातक: अध्ययन

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यस्ट्रोक, हृदय, श्वसन, अल्जाइमर और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में तेजी से वृद्धि?, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी चेतावनी, हर पल इस प्रकोप का असर?

स्वास्थ्यबचके रहना रे बाबा?, पुरुषों के फेफड़ों में महिलाओं की तुलना में वायु प्रदूषकों का जमाव ज्यादा, 5 वर्षों में किए गए अध्ययन में खुलासा

स्वास्थ्य‘मनखे-मनखे एक समान’ की भावना को साकार करता मेगा हेल्थ कैम्प: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

स्वास्थ्यजम्मू-कश्मीर: लाइफस्टाइल में बदलाव और देर से शादी से बढ़ रही इनफर्टिलिटी

स्वास्थ्यआम आदमी को कंगाल बनाता बीमारियों का महंगा इलाज