अरुण जेटली की हालत गंभीर, इस अजीब बीमारी से हैं पीड़ित, जानिए बीमारी के लक्षण, कारण, इलाज
By उस्मान | Published: August 16, 2019 01:22 PM2019-08-16T13:22:20+5:302019-08-16T13:22:20+5:30
Arun Jaitley health update latest: जेटली 9 अगस्त से दिल्ली एम्स के आईसीयू में एडमिट हैं और उनकी हालत गंभीर होती जा रही है. जेटली एक ऐसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं जो किसी को किसी भी उम्र में हो सकती है, जानें इसके कारण, लक्षण.
Arun Jaitley health update latest: लंबे समय से बीमार चल रहे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत गंभीर होती जा रही है। 66 वर्षीय जेटली पिछले हफ्ते से दिल्ली एम्स में आईसीयू में एडमिट हैं। खबर है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उनका हालचाल पूछने अस्पताल जाएंगे। जेटली को सांस में तकलीफ होने पर पिछले शुक्रवार, 9 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उस समय डॉक्टरों ने मेडिकल रिपोर्ट में बताया था कि उनकी हालत में सुधार हो रहा है लेकिन अब एक बार फिर उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो रही है। डॉक्टरों की एक टीम जेटली की निगरानी कर रही है, जिसमें एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स, कार्डियोलॉजिस्ट्स और नेफ्रोलॉजिस्ट्स भी शामिल हैं।
डॉक्टरों ने कहा था कि उनकी हालत नाजुक लेकिन 'हीमोडायनैमिकली' स्थिर है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। 'हीमोडायनैमिकली' स्थिर होने का अर्थ है कि मरीज का दिल ठीक तरीके से काम कर रहा है और उसके शरीर में रक्त का संचार सामान्य है। उसके बाद एम्स ने अभी तक जेटली के स्वास्थ्य के संबंध में कोई बुलिटेन जारी नहीं किया है।
इन आठ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बाबा रामदेव समेत कई नेता उनसे मिलने एम्स पहुंच चुके हैं। इनके अलावा भी कई बीजेपी और विपक्ष के कई नेता भी जेटली को देखने गये थे।
Delhi: President Ram Nath Kovind to visit Former Finance Minister and BJP leader, Arun Jaitely who is admitted at All India Institute of Medical Sciences (AIIMS), today. He was admitted to AIIMS on 9th August due to breathing problems. (file pics) pic.twitter.com/690EQEetb6
— ANI (@ANI) August 16, 2019
जेटली का स्वास्थ्य खराब होने से लोगों में बेचैनी पैदा हो गई है। सोशल मीडिया पर लोग अरुण जेटली के लिए दुआएं मांग रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों को डर है कि हो सकता है कि अरुण जेटली की हालत काफी गंभीर है।
जेटली कई स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हैं, जिनमें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर शामिल हैं। अतिरिक्त वजन कम करने के लिए उन्होंने सितंबर 2014 में बेरिएट्रिक सर्जरी कराई। उन्होंने मई 2018 में एक किडनी ट्रांसप्लांट भी कराया था।
लंबे समय से बीमार चल रहे हैं जेटली
आपको बता दें कि पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली काफी समय से अस्वस्थ चल रहे हैं। किडनी संबंधी बीमारी से ग्रसित अरुण जेटली का पिछले साल मई में किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। लेकिन किडनी के साथ-साथ जेटली कैंसर से भी जूझ रहे हैं।
उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे। वो सितंबर 2014 में डायबिटीज मैनेज के लिए गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी करा चुके हैं। इसके अलावा वो साल 2005 में हार्ट सर्जरी भी करा चुके हैं।
मोदी सरकार के दोबारा मंत्रिमंडल गठित होने दौरान जेटली ने एक पत्र लिखकर पीएम मोदी से मंत्रिमंडल में न शामिल करने का अनुरोध किया था। उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे मंत्री बनाने पर विचार न करें।
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के कारण, लक्षण और इलाज
आपको बता दें की अरुण जेटली पिछले कई महीनों से सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा से पीड़ित हैं। यह एक तरह के कैंसर का प्रकार है और यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं। यह कोशिकाओं में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है। यानी यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, खासकर व्यक्ति के कंधों और पैरों को अधिक प्रभावित करती है। ये किसी भी उम्र में हो सकता है।
सर्जरी के जरिये इसे निकाला जा सकता है। हालांकि रेडिएशन और कीमोथेरेपी के जरिये भी इसका इलाज संभव है लेकिन यह इसके साइज, प्रकार और जगह पर निर्भर करता है। इस बीमारी को लेकर दुखद यह है कि इसके लक्षण शुरूआती चरण में नजर नहीं आते हैं। किसी व्यक्ति को जब मांसपेशियों और नसों में तेज दर्द रहने लगे तो उसे सावधान हो जाना चाहिए।
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के कारण, लक्षण और इलाज
इस बीमारी के लक्शषणों में शरीर में कोई भी सूजन या गांठ बनना, हड्डियों में दर्द रहना और लंबे समय से किसी गांठ का बनना शामिल हैं। यह आमतौर पर यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं। सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के कई प्रकार होते हैं इसलिए इसके प्रकार, साइज और जगह के अनुसार इलाज कराना बहुत जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर्स इमेजिंग टेस्ट, बायोप्सी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी और ड्रग्स के जरिये इलाज करते हैं।