बड़े स्तनों वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादा खतरे की तरह बड़े दिमाग वालों को ब्रेन कैंसर का ज्यादा खतरा
By उस्मान | Published: October 30, 2018 05:28 PM2018-10-30T17:28:33+5:302018-10-30T17:28:33+5:30
एक अध्ययन में कहा गया है कि बड़े दिमाग का मतलब है अधिक मस्तिष्क कोशिकाएं और जितनी अधिक कोशिकाएं होती है उनमें उतना ही विभाजन होता है। विभाजन के समय उनमें दोष भी पैदा हो सकता है और किसी जीन के डीएनए में स्थायी परिवर्तन यानी म्यूटेशन हो सकता है जिससे कैंसर होता है।
अगर आपके मस्तिष्क में अधिक कोशिकाएं हैं तो आपको मस्तिष्क कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। एक अध्ययन में कहा गया है कि बड़े दिमाग का मतलब है अधिक मस्तिष्क कोशिकाएं और जितनी अधिक कोशिकाएं होती है उनमें उतना ही विभाजन होता है। विभाजन के समय उनमें दोष भी पैदा हो सकता है और किसी जीन के डीएनए में स्थायी परिवर्तन यानी म्यूटेशन हो सकता है जिससे कैंसर होता है।
नॉर्वीजन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी में पीएचडी कर रहे इवेन होविग फ्लिनजेन ने कहा, 'तेजी से फैलने वाला मस्तिष्क कैंसर दुर्लभ तरह का कैंसर होता है लेकिन एक बार यह आपको हो जाए तो इससे बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है।'
उन्होंने कहा, 'कई अध्ययनों में यह पता चला है कि कैंसर के पैदा होने में विभिन्न अंगों का आकार एक महत्वपूर्ण कारक होता है। उदाहरण के लिए बड़े स्तन वाली महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। हम यह जांच करना चाहते थे कि क्या मस्तिष्क के ट्यूमर के मामले में भी ऐसा ही होता है।' हजारों लोगों के रक्त के नमूनों और स्वास्थ्य के आंकड़ों का इस्तेमाल कर एक अध्ययन किया गया।
शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क के आकार को मापने के लिए एमआरआई का इस्तेमाल किया। अध्ययन में यह भी पाया गया कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ब्रेन ट्यूमर ज्यादा होता है।
फ्लिनजेन ने कहा, 'पुरुष का मस्तिष्क महिलाओं के मुकाबले बड़ा होता है क्योंकि पुरुषों का शरीर आमतौर पर बड़ा होता है। इसका यह मतलब नहीं है कि पुरुष ज्यादा बुद्धिमान होते है बल्कि बड़े शरीर को नियंत्रित करने के लिए अधिक मस्तिष्क कोशिकाओं की जरुरत पड़ती है।' शोधकर्ताओं ने कहा कि यह पाया गया कि बड़े मस्तिष्क वाले पुरुषों की तुलना में बड़े मस्तिष्क वाली महिलाओं को मस्तिष्क कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है।
दिमाग के इस हिस्से के कारण होता है डिप्रेशन
दिमाग का एक हिस्सा जो सामान्यत: याद्दाश्त और मतिभ्रम से जुड़ा होता है, उसी हिस्से का संबंध लत, चिंता और अवसाद से हो सकता है। एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है। दिमाग के इस हिस्से को हिप्पोकैंपस नाम से जाना जाता है। यह दरियाई घोड़े (हिप्पोपोटेमस) के आकार जैसी संरचना होती है, जो दिमाग की गहराई में स्थित होता है। इसी के चलते इसे हिप्पोकैंपस नाम से जाना जाता है।
हिप्पोकैंपस को लंबे सयम से याद्दाश्त और मतिभ्रम में उसकी भूमिका के लिए जाना जाता है, खासतौर से अल्जाइमर्स रोग से इसका गहरा संबंध है। अल्जाइमर्स बीमारी से पीड़ित मरीजों के दिमाग का हिप्पोकैंपस पहला हिस्सा होता है, जिसे नुकसान पहुंचता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो-स्कार्बोरो के एसोसिएट प्रोफेसर रुतसुको इटो ने बताया- यह दिखाता है कि हमें फिर से सोचने की आवश्यकता है कि हिप्पोकैंपस किस तरह से सूचनाओं को प्रसंस्करित करता है।"