19 साल से कम उम्र वाले 50 से 70 फीसदी बच्चे अभी भी है SARS-CoV-2 के चपेट में- अध्ययन

By आजाद खान | Published: January 2, 2023 06:44 PM2023-01-02T18:44:54+5:302023-01-02T19:13:21+5:30

स्टडी के अनुसार, फिलहाल दुनिया को प्रभावी बेहतर टीकों और टीकाकरण अभियानों पर बल देने की आवश्यकता दिखाई दे रही है।

50 to 70 percent of children under the age of 19 are still vulnerable to SARS-CoV-2 study | 19 साल से कम उम्र वाले 50 से 70 फीसदी बच्चे अभी भी है SARS-CoV-2 के चपेट में- अध्ययन

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsबच्चों में SARS-CoV-2 को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। स्टडी के अनुसार, 19 साल से कम उम्र वाले 50-70 फीसदी बच्चें अभी SARS-CoV-2 के चपेट में है। ऐसे में इन बच्चों को बेहतर टीकाकरण की कवरेज की जरूरत है।

लंदन: एक नई स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि दुनिया के 19 साल के कम उम्र वाले 50 से 70 फीसदी "बच्चे" 2021 में ओमिक्रॉन लहर से पहले SARS-Cov-2 की चपेट में थे। ऐसे में इस अध्धयन में यह भी खुलासा हुआ है कि दुनिया को अभी भी बेहतर टीकों और टीकाकरण अभियानों की आवश्यकता है जिससे कोरोना की रोकथाम की जा सके। 

यही नहीं स्टडी में यह भी दावा किया गया है कि दुनिया भर में सीरोप्रेवलेंस का अनुमान हर लहर में बढ़ता ही गया है। ऐसे में अगर हम बात करेंगे कि दुनिया भर में सीरोप्रेवलेंस के अनुमान की तो कोविड-19 महामारी की पहली लहर में यह सीरोप्रेवलेंस अनुमान 7.3 फीसदी थी जो आगे लगातार हर लहर में बढ़ती ही गई है। 

क्या दावा है स्टडी का

इस नए स्टडी में यह दावा किया गया है कि 19 साल के कम उम्र वाले 50-70 प्रतिशत "बच्चे" 2021 के अंत तक और ओमिक्रॉन लहर से पहले ही पहले SARS-CoV-2 संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील थे। ऐसे में यह स्टडी यह बताता है कि इसके दावे पर अगर ध्यान दिया जाए तो फिलहाल प्रभावी टीकों पर बल देने की आवश्यकता दिखाई दे रही है। इसके साथ ही बच्चों में बेहतर टीकाकरण की कवरेज की भी जरूरत है। 

स्टडी ने यह भी बताया कि विकासशील देशों और अल्पसंख्यक जातीय समूहों को इसपर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। वहीं अगर बात करेंगे दुनिया भर में सीरोप्रेवलेंस के अनुमान का तो हर लहर में इसे बढ़ते हुए देखा गया है। एक तरफ वैश्विक सीरोप्रेवलेंस का अनुमान जहां पहली लहर से 7.3 प्रतिशत था वहीं पांचवी लहर में जाकर 37.6 प्रतिशत हो गया था। यही नहीं छठी लहर जाते-जाते यह अनुमान 56.6 प्रतिशत हो गया था। 

आपको बता दें कि सेरोप्रेवलेंस को जनसंख्या में उन लोगों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है जिनके रक्त में एंटीबॉडी नामक प्रोटीन होते हैं जो दिखाते हैं कि वे एक वायरस या अन्य संक्रामक एजेंट के संपर्क में हैं।

कैसे हुआ अध्धयन

इस अध्धयन में दिसंबर 2019 से 10 जुलाई 2022 तक के डेटा को देखा गया है जिसमें 247 प्रकाशन शामिल किए गए है जिनमें लगभग 302 डेटासेट थे। इस डेटासेट में डब्लूएचओ द्वारा निर्दिष्ट छह क्षेत्र के 70 देशों के 757,075 बच्चे शामिल किए गए थे। 

स्टडी के अनुसार, पर्याप्त टीका आपूर्ति के साथ और ओमिक्रॉन के खतरे के सामने आने के बाद उन बच्चों की संख्याओं में इजाफा देखा गया है जिन्हें इस दौरान अतिरिक्त महत्वपूर्ण देखभाल की आवश्यकता है। यही नहीं बच्चों की यह संख्या दुनिया के कुछ बड़े और विकसित देशों में देखी गई है। 

Web Title: 50 to 70 percent of children under the age of 19 are still vulnerable to SARS-CoV-2 study

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