जानिए कैसे तैयार होती है व्हाइट टी, क्या है इसका फायदा, बंदर तोड़ते हैं हमारे लिए ये खास चाय
By मेघना वर्मा | Published: December 15, 2017 06:44 PM2017-12-15T18:44:10+5:302017-12-19T17:11:27+5:30
आज हम आपको दो ऐसी चाय के बारे में बताएंगे जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं लेकिन उन पर ज्यादा बात नहीं होती।
ब्लैक और ग्रीन टी के अलावा क्या आपने कभी व्हाइट और ओलांग टी के बारे में सुना है? कभी किसी ऐसी चाय के बारे में सुना है जिन्हें बागान से इंसान नहीं बल्कि बंदर छांट कर लाते हैं? आज हम आपको चाय के कुछ ऐसे ही खास प्रकारों के बारे में बता रहे हैं जो सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होती हैं।
बहुत मुश्किल से मिलता है व्हाइट टी का फूल
चाय विशेषज्ञ सौरभ अग्रवाल के अनुसार व्हाइट टी को तैयार करने में सबसे ज्यादा मेहनत लगती है। व्हाइट टी भी आम चाय के बागान में ही मिलते हैं लेकिन उन्हें तैयार करने का तरीका अलग होता है। सौरभ ने लोकमत न्यूज को बताया, "व्हाइट टी चाय के बागान में खिलने वाले सफेद फूल से बनती है।" उन्होनें आगे बताया, "यह सफेद फूल बड़े कम समय के लिए और मुश्किल से खिलते हैं। इनको बहुत सावधानी और बारिकी से चुना जाता है। इसके बाद इसे फैक्ट्री में लाकर सुखाया और उसका ऑक्सीडेशन किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस ऑक्सीडेशन से निकलने के बाद जो सफेद बीज निकलते हैं उसे ही व्हाइट टी कहते हैं।
ग्रीन और हर्बल टी की तरह व्हाइट टी भी सेहत के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। ऐंटोमी लाइफस्टाइल फिटनेस की न्यूट्रीशियन प्रियांशाी भटनागर ने लोकमत न्यूज को बताया, "किसी भी चाय में दूध और चीनी मिलाकर हम उसकी गुणवत्ता को कम कर देते हैं। भारत में लोकप्रिय दूध वाली चाय सेहत के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है।" लेकिन व्हाइट टी दूध और चीनी के साथ पीने पर भी सेहत के लिए फायदेमंद होती है। प्रियांशी भटनागर सर्टिफाइड होलिस्टिक न्यूट्रीशियनिस्ट हैं। भटनागर कहती हैं, "व्हाइट टी किसी भी रूप में सेहत के लिए फायदेमंद होती है। इसका कारण है कि व्हाइट टी को बनाने में कम ऑक्सीडेशन का प्रयोग होता है।"
ऐसी चाय जिन्हें तोड़ने के लिए बंदरों को दी जाती है खास ट्रेनिंग
चाय मुख्य रूप से चार तरह की होती है। ब्लैक, ग्रीन, व्हाइट और ओलॉन्ग टी। आम घरों में बनने वाली चाय ब्लैक टी होती है। बात करें यदि ओलॉन्ग टी की तो इन्हें बागों से चुनने के लिए खास तरह के बंदरों को ट्रेनिंग दी जाती है। चाय विशेषज्ञ सौरभ अग्रवाल के अनुसार, ओलॉन्ग टी घाटियों में सबसे ऊंचाई पर उगाई जाती हैं। इतनी ऊंचाई तक आदमियों का पहुंचना काफी मुश्किल और खतरनाक होता है। इसलिए इन्हें तोड़ने के लिए बंदरों को खास तौर पर प्रशिक्षित किया जाता है। ओलॉन्ग टी भी हर्बल टी होती है। इसलिए ये सेहत के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है।