कोरोना महामारी के बीच योगी सरकार का बड़ा फैसला, राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम सेमेस्टर को छोड़ बाकी परीक्षाएं स्थगित

By धीरज पाल | Published: July 16, 2020 04:50 PM2020-07-16T16:50:20+5:302020-07-16T17:39:17+5:30

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर 2020 के अंत तक ऑफलाइन या मिश्रित तरीके से संपन्न कराई जाएंगी। 

Yogi government's big decision postponement of state universities except last semester exam amid Corona epidemic, | कोरोना महामारी के बीच योगी सरकार का बड़ा फैसला, राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम सेमेस्टर को छोड़ बाकी परीक्षाएं स्थगित

उत्तर प्रदेश में राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को लेकर योगी सरकार का बड़ा ऐलान

Highlightsविश्वविद्यालय की गाइडलाइन कहती है कि प्रथम वर्ष के छात्रों के परिणाम शत-प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएं। स्नातक अंतिम वर्ष का परीक्षा फल 15 अक्टूबर तक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षा का परिणाम 31 अक्टूबर तक घोषित कर दिया जाएगा।

लखनऊ: कोरोना महामारी के बीच योगी सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने इस साल राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं छोड़कर बाकी सभी परीक्षाएं स्थगित कर दिया है। इस बारे में ताजा जानकारी देते हुए प्रदेश के  उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के प्रसार के खतरे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं छोड़कर बाकी परीक्षाएं स्थगित कर दिया गया है।

वहीं उन्होंने बताया कि अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर 2020 के अंत तक ऑफलाइन या मिश्रित तरीके से संपन्न कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि निर्धारित प्रोटोकॉल और दिशा- निर्देश का अनुपालन करते हुए सितंबर के अंत तक ऑफलाइन यानी पेन और पेपर से अथवा ऑनलाइन या फिर मिश्रित तरीके से परीक्षाएं संपन्न कराई जाएंगी। स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरी करा ली जाएंगी।

स्नातक अंतिम वर्ष का परीक्षा फल 15 अक्टूबर तक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षा का परिणाम 31 अक्टूबर तक घोषित कर दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई छात्र किसी वजह से अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो उसे दूसरा मौका भी दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय की सुविधा के अनुसार इस परीक्षा को आयोजित कराया जाएगा जिससे छात्रों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा या नुकसान ना हो। यह प्रावधान केवल चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए ही लागू होगा। उन्होंने कहा कि प्रथम वर्ष या द्वितीय सेमेस्टर के लिए प्रावधान किया गया है।

जानिए क्या कहती है विश्वविद्यालय की गाइडलाइन

विश्वविद्यालय की गाइडलाइन कहती है कि प्रथम वर्ष के छात्रों के परिणाम शत-प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएं। उन्होंने कहा कि जहां आंतरिक मूल्यांकन की प्रविधि चल रही है वहां कुलपति इस पद्धति को अपना सकते हैं और अगर नहीं है, या वे हमारी प्रविधि को अपनाना चाहते हैं तो परीक्षाओं के सिलसिले में चार कुलपतियों की समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर सभी संकायों के प्रोन्नत प्रथम वर्ष के छात्र 2020-21 की द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार अगर वे अलग-अलग विषयों में पास होते हैं तो द्वितीय वर्ष के सभी विषयों के प्राप्त अंकों का औसत अंक ही उनके प्रथम वर्ष के अवशेष प्रश्न पत्रों का प्राप्तांक माना जाएगा। 

Web Title: Yogi government's big decision postponement of state universities except last semester exam amid Corona epidemic,

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