UPPCS Toppers Interview: कांस्टेबल श्याम बाबू के SDM बनने की कहानी, इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल

By रामदीप मिश्रा | Published: February 25, 2019 08:13 PM2019-02-25T20:13:56+5:302019-02-25T20:19:26+5:30

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीसीएस-2016) में सूबे के बलिया जिले के श्याम बाबू ने 52वीं रैंक हासिल की। वह 14 साल से पुलिस विभाग में बतौर कॉन्स्टेबल पदस्थ थे।

UP PCS Toppers Interview: police constable Shyam Baboo 52th rank tips for success UPPSC 2016 final result | UPPCS Toppers Interview: कांस्टेबल श्याम बाबू के SDM बनने की कहानी, इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल

UPPCS Toppers Interview: कांस्टेबल श्याम बाबू के SDM बनने की कहानी, इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीसीएस-2016) का रिजल्ट जारी किया जा चुका है, जिसमें सूबे के बलिया जिले के श्याम बाबू ने 52वीं रैंक हासिल की है। सबसे बड़ी बात यह है कि श्याम बाबू 14 साल से पुलिस विभाग में बतौर कॉन्स्टेबल पदस्थ थे और इस समय उनकी पोस्टिंग प्रयागराज हेडक्वार्टर थी। उनसे आज लोकमत न्यूज ने खास बातचीत की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे पुलिस की नौकरी करते हुए पीसीएस परीक्षा के लिए तैयारी की और सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं...

- आपने इस परीक्षा के लिए तैयारी कब शुरू की थी?

इस परीक्षा के लिए 2010 से ही फॉर्म भरना शुरू कर दिया था। लेकिन, इसके प्रति पूर्ण रूप से 2014-15 से लग गया था। 

- पीसीएस के लिए कितने अटैम्ट दिए?

मेरा छठवें अटैम्ट में हुआ है?

- आप कहां से हैं?

मैं जिला बलिया उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं। मेरे गांव का नाम इब्राहिमाबाद है और तहसील बहरिया है। 

- परिवार में कौन-कौन है और वे क्या करते हैं?

मेरे परिवार में माता-पिता, दो भाई और पांच बहनें हैं। मेरी बहनों की शादी हो गई है और कोई भी जॉब नहीं करती हैं। बड़े भाई उमेश कुमार वर्तमान में प्रयागराज में आयकर विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। 

- आपके पिता जी क्या करते हैं?

मेरे पिता जी खेती बाड़ी करते हैं और गांव में एक दुकान है उसको देखते हैं। 

- आपकी शादी हो गई है? 

अभी शादी नहीं हुई है। परिवार की जिम्मेदारी की वजह से शादी नहीं की है।

- कांस्टेबल रहते पढ़ाई कैसे करते थे?

जिस समय थाने में ड्यूटी करता था उस समय पढ़ाई करने में थोड़ी दिक्कत जरूर आती थी। लेकिन, बाद में ऑफिस में ट्रांसफर करवा लिया और कंप्यूटर की टाइपिंग सीख गया था, जिससे कंप्यूटर का काम मिल गया और दिन की नौकरी हो गई। इसके बाद रात के समय में पढ़ाई कर लिया करता था।  

- आपकी पढ़ाई के दौरान इंटरनेट का क्या रोल रहा है?

किताब पढ़ने में सहूलियत रहती है और थोड़ा बहुत इंटरनेट इस्तेमाल किया है। कोशिश रहती थी कि मोबाइल से दूर रहूं।

- मैं आपकी फेसबुक प्रोफाइल को देख रहा था जिसपर आप खासे अक्टिव हैं... इस प्लेटफॉर्म कैसे देखते हैं?

सोशल मीडिया बहुत हद तक अच्छा भी है। लेकिन, निर्धारित समय से ज्यादा वक्त खर्च कर रहे हैं तो यह बेकार भी है।

 
- क्या बताएंगे कि आपसे इंटरव्यू में किस तरह के सवाल किए गए थे?

इंटरव्यू के दौरान सबसे पहले पूछा गया कि आप क्या करते हैं। जिसमें बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल हूं। इसके बाद विगाभ से जुड़े हुए सवाल किए गए। कुंभ से भी संबंधित सवाल पूछे गए और इतिहास से सवाल पूछे गए। 

- मेरा एक सवाल पुलिस की इमेज को लेकर है जिस पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं...आप इसको कैसे देखते हैं? 

जो लोग पुलिस को ठीक से नहीं जानते हैं वही लोग पुलिस का गलत चित्रण करते हैं। हां पुलिस और जनता के बीच दूरी थोड़ी ज्यादा है। लेकिन आज से ठीक 14 साल पहले आया था उससे कई गुना अच्छा माहौल है। दिन-प्रतिदिन सुधार हो रहा है। लोगों के द्वारा गलत इमेज प्रस्तुत की जाती है। यह भी नहीं कह सकते है कि पूरी तौर से क्लीन है। हर समाज में कुछ लोग अच्छे भी हैं और कुछ बुरे भी हैं। सुधार की आवश्यकता है। मैं तो कहूंगा कि पुलिस बेहतर है।  

- कई बार पुलिस को लेकर खबरें आती हैं कि उसका जनता के प्रति व्यवहार ठीक नहीं था... तो आपके नजरिए से कैसा रहना चाहिए?

जनता आज भी पुलिस और प्रशासन को डर की भावना से देखती है। उसमें डर है, जिसे कम किया जाना बहुत जरूरी है। दोनों के बीच में मित्रवत व्यवहार होना चाहिए। 

- पुलिस कांस्टेबल से अब आप एसडीएम बन गए हैं...क्या आगे IAS बनने की इच्छा है?

आईएएस के लिए कुछ अटैम्ट दिए थे, लेकिन क्लियर नहीं हो पाया। इसका कारण पीसीएस के अपेक्षा आईएएस का इग्जाम कठिन होता है। इसके लिए समय की आवश्यकता होती है। पुलिस विभाग में था जहां समय की सबसे बड़ी समस्या थी। इसलिए आईएएस की एग्जाम देने के विचार को छोड़ दिया था। लेकिन, आने वाले अटैम्ट में प्रयास करूंगा। 

- आज के युवा जो पढ़ाई कर रहे हैं या फिर किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनको क्या संदेश देना चाहते हैं?

प्रतियोगी परीक्षा का जो भी स्टूडेंट तैयारी करे वो अपना एक लक्ष्य निर्धारित करे और जो भी लक्ष्य निर्धारित करे उस पर पूर्ण दृढ़ता के साथ और आत्मविश्वास के साथ के साथ लग जाए।   

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