स्कूली शिक्षा में महाराष्ट्र तीसरे से छठे स्थान पर फिसला, गुजरात की रैंकिंग में सुधार

By एसके गुप्ता | Published: October 1, 2019 09:18 AM2019-10-01T09:18:37+5:302019-10-01T09:18:37+5:30

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र वर्ष 2015-16 में जहां 58.6 फीसदी अंकों के साथ तीसरे स्थान पर था.

School Education Quality Index: Maharashtra slips from third to sixth place in schooling, Gujarat's ranking improves | स्कूली शिक्षा में महाराष्ट्र तीसरे से छठे स्थान पर फिसला, गुजरात की रैंकिंग में सुधार

स्कूली शिक्षा में महाराष्ट्र तीसरे से छठे स्थान पर फिसला, गुजरात की रैंकिंग में सुधार

Highlightsछोटे राज्यों में त्रिपुरा 56.1 फीसदी के साथ पहले और गोवा 53.8 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर है.नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का यह इंडेक्स 2016-17 के सर्वे का परिणाम है.

नीति आयोग ने आज स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स जारी किया है. इसमें महाराष्ट्र तीन पायदान फिसल कर छठे स्थान पर पहुंच गया है. हालांकि लर्निंग आउटकम से गोवा की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार हुआ है. देश के 20 बड़े राज्यों की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में केरल 82.2 फीसदी अंक हासिल कर पहले स्थान पर काबिज है. झारखंड इस रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर है.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र वर्ष 2015-16 में जहां 58.6 फीसदी अंकों के साथ तीसरे स्थान पर था. वहीं, वर्ष 2016-17 के सर्वे में महाराष्ट्र ने पहले से ज्यादा 62.8 फीसदी अंक हासिल किए हैं लेकिन दूसरे राज्यों ने स्कूली शिक्षा में महाराष्ट्र से बेहतर किया है, इसलिए वह राज्य रैंकिंग में ऊपर निकल गए हैं. उन्होंने कहा कि नंदुरबार में 'एकलव्य' स्कूल बहुत अच्छा कर रहा है.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दो साल पहले केंद्र सरकार ने स्कूली शिक्षा में लर्निंग आउट शुरू किया था यानी जो पढ़ाया गया है उसे छात्र भली-भांति समझें. इससे देश की स्कूली शिक्षा में तेजी से सुधार हो रहा है. नीति आयोग के स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स में केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ पहले और दिल्ली 69.9 फीसदी अंकों के साथ दूसरे स्थान पर काबिज है.

छोटे राज्यों में त्रिपुरा 56.1 फीसदी के साथ पहले और गोवा 53.8 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर है. गोवा ने अपनी रैंकिंग में एक स्थान का सुधार किया है और ओवरऑल 8.2 फीसदी गोवा की स्कूली शिक्षा में सुधार हुआ है. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का यह इंडेक्स 2016-17 के सर्वे का परिणाम है.

इसमें राज्यों का मूल्यांकन वहां के शिक्षा का स्तर, लोगों की स्कूली शिक्षा तक पहुंच, शिक्षा में समानता और शिक्षा से संबंधित आधारभूत ढांचा और सुविधाओं के आधार पर किया गया है. शिक्षा तक पहुंच और समानता के मामले में तमिलनाडु नंबर वन पर है. लर्निंग आउटकम में कर्नाटक ने शिक्षा के स्तर में बढ़त बनाई है और हरियाणा इसमें अव्वल रहा है. हरियाणा की ओवरऑल रैंकिंग में पांच स्थान का सुधार हुआ है.

गुजरात की रैंकिंग दो स्थान सुधरी है, गुजरात पहले 52.4 फीसदी के साथ छठे स्थान पर था जो इस बार 63 फीसदी अंकों के साथ चौथे स्थान पर है. हालांकि प. बंगाल ने इस सर्वे में हिस्सा नहीं लिया है. ऐसे सुधरेगी स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय सचिव (स्कूली शिक्षा) रीना रे कहा कि स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए लर्निंग आउटकम को पूरे देश में लागू किया गया है. इसको अपनाने से बच्चे केवल पढ़ ही नहीं रहे उन्हें समझ में भी आ रहा है.

इसमें और ज्यादा सुधार करने के लिए हम राष्ट्रपति पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों की श्रेष्ठ एक्टीविटी को निष्ठा पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं. शिक्षकों की ड्यूटी पर कलेक्टर से 20 सवाल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय सचिव रीना रे ने कहा कि अक्सर चुनावों में शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी जाती है. इसके लिए सीधे तौर पर जिले के कलेक्टर जिम्मेदार होते हैं क्योंकि यह उन्हें ही तय करना होता है.

उन्होंने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी का उदाहरण देते हुए कहा कि यह देश भर के राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के लिए उदाहरण हैं जहां शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगाए बिना चुनाव कराए गए. रीना रे ने कहा कि शिक्षकों की चुनावी ड्यूटी पर मंत्रालय हर जिले के कलेक्टर से 20 प्रश्न पूछेगा.

Web Title: School Education Quality Index: Maharashtra slips from third to sixth place in schooling, Gujarat's ranking improves

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