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लंदन के विश्वविद्यालयों में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि, चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे स्थान पर पहुंचा

By भाषा | Updated: January 30, 2020 17:59 IST

ब्रिटेन की उच्च शिक्षा सांख्यिकी एजेंसी (एचईएसए) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2018-19 में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या 34.7 प्रतिशत बढ़कर 7,100 के आंकड़े से ऊपर निकल गई। यह 2011-12 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है।

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लंदन के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए जाने वाले भारतीय विद्यार्थियों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। इससे ब्रिटेन की राजधानी में विदेशी छात्र-छात्राओं की संख्या के मामले में चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

ब्रिटेन की उच्च शिक्षा सांख्यिकी एजेंसी (एचईएसए) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2018-19 में भारतीय विद्यार्थियों की संख्या 34.7 प्रतिशत बढ़कर 7,100 के आंकड़े से ऊपर निकल गई। यह 2011-12 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है।

भारत इस सूची में इटली को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंचा है। इटली चौथे स्थान पर खिसक गया है। वहीं फ्रांस सूची में पांचवें स्थान पर रहा है। आंकड़ों के अनुसार लंदन के विश्वविद्यालयों में 2018-19 में विदेशी विद्यार्थियों की संख्या 5.8 प्रतिशत बढ़कर 1,25,035 पर पहुंच गई।

ब्रिटेन की राजधानी में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों में सबसे अधिक 25,650 की संख्या के साथ चीन पहले स्थान पर है। 7,460 विद्यार्थियों के साथ अमेरिका दूसरे और 7,158 विद्यार्थियों के साथ भारत तीसरे स्थान पर रहा।

लंदन के भारतीय मूल के उप-मेयर राजेश अग्रवाल ने कहा कि उन्हें यह देखकर प्रसन्नता हुई है कि दुनियाभर से आये इतने सारे युवाओं ने अपनी उच्च शिक्षा हासिल करने के लिये लंदन को चुना है। ऐसा करते हुये वह ऐसे वैश्विक समुदाय का हिस्सा बने हैं जिसने दुनिया की कुछ सबसे बेहतर और नवोन्मेषी कंपनियों को खड़ा किया है।

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