ऑनलाइन कक्षाएंः राज्य सरकारें बाटेंगी छात्रों को स्मार्टफोन, झारखंड ने दिए 46000 टेबलेट
By एसके गुप्ता | Published: September 15, 2020 05:52 PM2020-09-15T17:52:39+5:302020-09-15T17:52:39+5:30
संसद में पूछे गए इस सवाल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा है कि राज्य सरकारों से कहा गया है कि वह ऐसे छात्रों की पहचान कर उन्हें स्मार्टफोन व अन्य उचित संसाधन उपलब्ध कराएं।
नई दिल्लीःकोरोना महामारी के बीच स्कूल जाने से वंचित छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। ऐसे भी छात्र हैं जो स्मार्टफोन खरीदने में असमर्थ हैं और ऑनलाइन कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं।
इनके लिए सरकार क्या कर रही है? संसद में पूछे गए इस सवाल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा है कि राज्य सरकारों से कहा गया है कि वह ऐसे छात्रों की पहचान कर उन्हें स्मार्टफोन व अन्य उचित संसाधन उपलब्ध कराएं। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार की ओर से छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई कराने के अलावा छात्रों की पढ़ाई के लिए डीडी फ्री डिश पर कक्षावार चैनल चलाए जा रहे हैं।
ऑनलाइन दीक्षा और निष्ठा पोर्टल पर स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के ऑडियो, वीडियो और टेक्सट उपलब्ध हैं। राजस्थान के बांसवाड़ा से सांसद कनकमल कटारा ने लोकसभा में पूछा कि पिछड़े और गरीब तबके के छात्रों को सरकार क्या फ्री स्मार्टफोन देने की योजना पर काम कर रही है। जिससे वह ऑनलाइन कक्षाएं ले सकें। जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि वंचित तबके तक डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों से सर्वे कर उन तक संसाधन पहुंचाने के लिए कहा गया है।
पोखरियाल ने कहा कि पिछड़े व कमजोर वर्गों को डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत संसाधन युक्त बनाने का प्रावधान नई शिक्षा नीति में भी राज्य सरकारों से किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची में शामिल है। ऐसे में राज्यों की शिक्षा व्यवस्था में राज्य सरकारों की भागीदारी सबसे अहम है।
झारखंड ने छात्रों को बांटे हैं 46000 टेबलेट :
एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से कहा कि ई-पाठशाला एप पर एनसीईआरटी की तमाम पाठ्य सामग्री उपलब्ध है। सरकार के कहने पर पिछले साल एनसीईआरटी ने हजारों प्रोग्राम में से राज्य सरकार के आग्रह पर 300 प्रोग्राम छात्रों के टेबलेट में ऑफलाइन मोड के अपलोड किए हैं। जिससे वहां 9वीं से 12वीं तक के छात्र बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी के पढ़ सकते हैं। ऐसा मॉडल अन्य राज्य भी अपना सकते हैं।