NEET PG दाखिले पर SC का बड़ा फैसलाः ओबीसी के लिए 27 व EWS वर्ग के लिए 10 प्रतिशत कोटा आरक्षित
By अनिल शर्मा | Published: January 7, 2022 01:39 PM2022-01-07T13:39:55+5:302022-01-07T13:50:15+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार एनईईटी-पीजी में दाखिले के लिए ओबीसी वर्ग के 27 प्रतिशत जबकि आर्थिक रूप से कमोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के लिए 10 प्रतिशत कोटा आरक्षित करने को मंजूरी दी है।
NEET PG Counselling 2021: सुप्रीम कोर्ट ने एनईईटी-पीजी में दाखिले पर शुक्रवार अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस सत्र में OBC और EWS आरक्षण बरकरार रहेगा। कोर्ट ने एनईईटी-पीजी में दाखिले के लिए ओबीसी वर्ग के 27 प्रतिशत जबकि आर्थिक रूप से कमोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के लिए 10 प्रतिशत कोटा आरक्षित करने को मंजूरी दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अजय भूषण पांडे समिति की सिफारिशों को मानने और दाखिले की वर्तमान प्रक्रिया के लिए 8 लाख रुपए तक की सालाना आय का क्राइटेरिया बनाए रखने का फैसला किया है। कोर्ट ने कहा, हमारे सामने दलील दी गई कि इस साल से लागू की गई आरक्षण नीति असंवैधानिक है। हमने EWS की सीमा 8 लाख रुपए रखने पर जवाब मांगा इसको लेकर अक्टूबर में सवाल पूछा गया था। केंद्र ने 25 अक्टूबर को काउंसिलिंग पर रोक लगा दी। 28 अक्टूबर को दीवाली के बाद सुनवाई करने की बात कही गई जिसके बाद 25 नवंबर को नीति की समीक्षा की बात सामने आई और एक महीने का समय मांगा।
सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि फैसले में यही नहीं बताया कि ईवीएस कोटा कब तक रहेगा। कोर्ट ने कहा, EWS का पैमाना तय करने में कुछ समय लगेगा। OBC आरक्षण को हम मंजूरी दे रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि काउंसिलिंग तुरंत शुरू करने की जरुरत है इसलिए 10 प्रतिशत EWS आरक्षण जारी रहेगा। कोर्ट ने आगे कहा कि मार्च के तीसरे हफ्ते में पांडे कमिटी की सिफारिश (8 लाख) की वैधता पर सुनवाई होगी।
मामले पर गुरुवार को सुनवाई शुरू हुई थ। केंद्र सरकार ने इस दौरान कोर्ट से कहा था कि नीट काउंसलिंग को शुरू करने की इजाजत दें, वहीं केंद्र के फैसले का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं का कहना था कि ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया को हटाकर वैकल्पिक तौर पर 2.5 लाख की लिमिट तय की जा सकती है।