महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालयः राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा- भारतीय ज्ञान-विज्ञान और रिसर्च की कीर्ति का फहराएं पताका
By रामदीप मिश्रा | Published: August 24, 2020 11:33 AM2020-08-24T11:33:24+5:302020-08-24T11:33:24+5:30
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का परिसर अपनी पवित्रता और प्रांजलता के लिए जाना जाता है, जो शिक्षकों और विद्यार्थियों की साधना से पवित्र एवं संस्कारित होता है। शिक्षकों को अपने आचार-व्यवहार, ज्ञान-प्रसार, बोध और समझ से युवाओं को परिपक्व बनाना हैं।
जयपुर: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। राज्यपाल ने इस मौके पर विश्वविद्यालय में बनने वाले संविधान पार्क का भी शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि भरतपुर का महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों में सफल होगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों का आह्वान किया कि वे सभी एकजुट होकर भारतीय ज्ञान-विज्ञान और अनुसंधान की कीर्ति पताका फहराएं।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय आदर्श शिक्षा का केन्द्र बने। युवाओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान कर उनके जीवन का ऐसा मार्ग प्रशस्त करे कि वे नियोक्ता बन सकें। अपराजेय दुर्ग लोहागढ़, भरतपुर के महान शासक महाराजा सूरजमल के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय का नवीन भवन पूरे बृज क्षेत्र के लिए गौरवशाली सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय चरित्र निर्माण के केन्द्र होते हैं। अध्ययन और ज्ञान की उपयोगिता तभी है, जब उसका लाभ राष्ट्र और समाज के हित में हो। युवाओं को बहुमुखी विकास के लिए सरकार ने शिक्षा द्वारा उन्नति और उत्थान का अवसर दिया है। राष्ट्र और समाज के पुनर्निर्माण में योगदान देकर उपकार से उपकृत होना ही युवाओं का परम कत्र्तव्य है।
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय का परिसर अपनी पवित्रता और प्रांजलता के लिए जाना जाता है, जो शिक्षकों और विद्यार्थियों की साधना से पवित्र एवं संस्कारित होता है। शिक्षकों को अपने आचार-व्यवहार, ज्ञान-प्रसार, बोध और समझ से युवाओं को परिपक्व बनाना हैं। शिक्षक ही युवाओं को समाज और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायी नागरिक के रूप में ढालते हैं।
राज्यपाल ने विश्वास जताया कि यह विश्वविद्यालय न्यूनतम शुल्क के साथ नवीनतम सुविधाओं की व्यवस्था कर उनके माध्यम से शिक्षा की अलख प्रत्येक विद्यार्थी तक पहुंचा कर अज्ञान के अंधकार को दूर करेगा। यह विश्वविद्यालय अपने प्रयासों से अन्त्योदय की अवधारणा को भी साकार करेगा।