Madhya Pradesh Ki Khabar: फुटपाथ पर था भारती खांडेकर का घर, 10वीं में आई फर्स्ट, नगर निगम ने दिया फ्लैट

By धीरज पाल | Published: July 9, 2020 08:00 AM2020-07-09T08:00:37+5:302020-07-09T08:06:51+5:30

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं कक्षा में 68% अंक लाने वाली भारती खांडेकरके पिता दशरथ मजदूरी करते हैं। मां एक स्कूल में साफ-सफाई काम करती है।

Madhya Pradesh Ki Khabar: Bharti Khandekar 10th class pass 68% in MP board in indore municipal corporation gave the flat | Madhya Pradesh Ki Khabar: फुटपाथ पर था भारती खांडेकर का घर, 10वीं में आई फर्स्ट, नगर निगम ने दिया फ्लैट

एमपी बोर्ड 10वीं में 68 फीसदी अंक प्राप्त करने वाली इंदौर की भारती खांडेकर

Highlightsमां एक स्कूल में साफ-सफाई काम करती है।एमपी बोर्ड 10वीं में 68 अंक मिला तो नगर निगर की ओर से उन्हें फ्लैट नसीब हो सका।

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं कक्षा में 68% अंक लाने वाली भारती खांडेकर अब एक मिसाल बन गयी हैं। भारती खांडेकर ने कड़ी मेहनत कर न सिर्फ जिले में टॉप किया बल्कि अपने माता-पिता को आशियाना दिलाने में भी सफल रहीं।

दरअसल, 10वीं में फर्स्ट डिवीजन से पास होने वाली भारती खांडकेर इंदौर के शिवाजी मार्केट के फुटपाथ पर रहती थीं। यहां उनका अपना कोई मकान नहीं था। सुविधायों की कमी और समस्याओं से भरी जीवन गुजारने वालीं भारती को जब एमपी बोर्ड 10वीं में 68 अंक मिला तो नगर निगर की ओर से उन्हें फ्लैट नसीब हो सका। यानि अब भारती स्ट्रीट की लाइटों से नहीं बल्कि घर में आसानी से पढ़ाई कर सकती हैं। इसके अलावा प्रशासन ने उनकी आगे की पढ़ाई मुफ्त में कराएगी।

 समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारती अहिल्याश्रम स्कूल में पढ़ती हैं। भारती के पिता दशरथ मजदूरी करते हैं। मां एक स्कूल में साफ-सफाई काम करती है। मां-बाप के काम पर निकल जाने के बाद भारती अपने दोनों छोटे भाइयों को संभालती है। साथ ही पढ़ाई पर फोकस करती है।



 

भारती बताती है कि उसका परिवार एक झोपड़ी में रहता था, लेकिन उसे नगर निगम ने तोड़ दिया। फुटपाथ पर भी रहना आसान नहीं है। कभी पुलिसवाले, तो कभी नगर निगमवाले हटाने को आ जाते हैं। भारती कहती है कि वो पढ़-लिखकर अफसर बनना चाहती है।

भारती के पिता दशरथ अपनी बच्ची की सफलता से बहुत खुश हैं। लेकिन उन्हें इस बात की तकलीफ भी है कि बेटी को सम्मान मिलने के बजाय उन्हें बार-बार फुटपाथ खाली करने के लिए कहा जा रहा है। वे कहते हैं कि 2 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सबको पक्के घर मिल गए, सिर्फ उन्हें नहीं। फिलहाल बिटिया के कड़े संघर्ष ने पिता की परेशानियों को चुटकी में दूर कर दिया। 

भारती की मां कहती हैं कि मेरे पति और मैं दोनों पढ़े-लिखे नहीं हैं। मुझे हर महीने 2000 रुपये मिलते हैं, इसलिए बच्ची को सरकारी स्कूल में पढ़ाई कराई। बताते चलें कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इंदौर के प्रशांत दीघे ने बताया कि इंदौर नगर निगम ने लड़की को 1 बीएचके फ्लैट गिफ्ट किया गया है। कमिश्नर ने संज्ञान लिया और लड़की को 1 बीएचके फ्लैट दिया। कमीशन ने यह भी व्यवस्था की कि लड़की को आगे की शिक्षा मुफ्त में मिले। टेबल, कुर्सी, किताबें, कपड़े भी प्रदान किए गए। 
 

Web Title: Madhya Pradesh Ki Khabar: Bharti Khandekar 10th class pass 68% in MP board in indore municipal corporation gave the flat

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