गुजरात में आज से सभी स्कूली बच्चों को 'यस सर' या 'प्रजेंट सर' की जगह कहना होगा 'जय हिन्द' या 'जय भारत'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 1, 2019 09:26 AM2019-01-01T09:26:33+5:302019-01-01T09:26:33+5:30
गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासामा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि सरकार का यह प्रयास सकारात्मक है और इसमें कोई बुराई नहीं है। चूड़ासामा ने एक्सप्रेस से कहा, "...गुजरात में दशकों पहले यह होता था लेकिन फिर यह भुला दिया गया।"
गुजरात सरकार ने साल 2018 के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को राज्य के सभी स्कूलों के लिए नया फरमान जारी किया। विजय रूपाणी सरकार के इस फैसले से बाद गुजरात के सभी स्कूलों में एक जनवरी 2019 से बच्चों को अटेंडेंस के वक़्त "यस सर" या "प्रजेंट सर" की जगह 'जय हिन्द' या 'जय भारत' कहना होगा।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात सरकार ने यह फैसला राजस्थान के एक टीचर को शनिवार (30 दिसंबर) को अहमदाबाद में सम्मानित किये जाने के बाद लिया। इस टीचर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने सम्मानित किया था।
गुजरात के हायर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड द्वारा जारी किए गये सरकारी आज्ञापत्र में लिखा है, "युवाओं में शुरू से ही देशभक्ति की भावना जगाने के लिए सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों को यह निर्देश दिया जाता है कि राज्यभर में एक जनवरी 2019 से सभी बच्चे हाजिरी लगाने समय "यस सर" या "प्रजेंट सर" कहने की बजाय "जय हिन्द" या "जय भारत" कहें।"
गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासामा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि सरकार का यह प्रयास सकारात्मक है और इसमें कोई बुराई नहीं है। चूड़ासामा ने एक्सप्रेस से कहा, "...गुजरात में दशकों पहले यह होता था लेकिन फिर यह भुला दिया गया।"
चूड़ासामा ने कहा कि छात्र दिन भर में 10 हजार बार 'यस सर या यस मैडम' कहते हैं, अब इसकी जगह वो जय हिन्दी या जय भारत कहेंगे तो उनके अंदर देशभक्ति की भावना का संचार होगा।
एबीवीपी ने राजस्थान के टीचर संदीप जोशी को प्रोफेसर यशवंत राय केलकर अवार्ड से सम्मानित किया था। संदीप जोशी ने अपने स्कूल में छात्रों के बीच जय हिन्द या जय भारत करने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। गुजरात के शिक्षा बोर्ड के उनका यह आइडिया पसंद आया और उसने इस पर अमल किया।