बंगाल के विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित नहीं होने की संभावना
By भाषा | Published: July 11, 2020 06:37 PM2020-07-11T18:37:57+5:302020-07-11T18:37:57+5:30
राज्य उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले सेमेस्टर के प्राप्तांक, गृह कार्य और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंतिम सेमेस्टर के छात्रों के मूल्यांकन की अनुशंसा की है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं इस वर्ष आयोजित नहीं की जा सकती हैं क्योंकि कुलपतियों का कहना है कि मूल्यांकन की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो गई है और यूजीसी के दिशानिर्देशों को शामिल करने और सितम्बर के अंत तक परीक्षाएं आयोजित कराने की केंद्र की सलाह मानने की गुंजाइश नहीं बची है।
सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को पत्र लिखकर छह जुलाई के दिशानिर्देश नहीं मानने के कारण बताएंगे। इसके मुताबिक अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं 30 सितम्बर तक कराए जाने जरूरी हैं। यह निर्णय शुक्रवार की शाम को पश्चिम बंगाल के कुलपतियों की परिषद् की बैठक में लिया गया जिसमें यूजीसी के नवीनतम दिशानिर्देशों पर चर्चा की गई।
परिषद् की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘यह निर्णय किया गया कि पश्चिम बंगाल के सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति यूजीसी अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से बताएंगे कि छह जुलाई को जारी दिशानिर्देशों का क्यों पालन नहीं किया जा सकता है।’’ बहरहाल, सरकारी विश्वविद्यालय यूजीसी के 29 अप्रैल के दिशानिर्देशों और राज्य उच्च शिक्षा विभाग के परामर्श का पालन करेंगे, जिसमें स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों के नतीजों के प्रकाशन के लिए मूल्यांकन की प्रक्रिया को मंजूरी दी गई है।
बयान में कहा गया है, ‘‘मूल्यांकन की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है।’’ राज्य उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले सेमेस्टर के प्राप्तांक, गृह कार्य और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंतिम सेमेस्टर के छात्रों के मूल्यांकन की अनुशंसा की है।