नई शिक्षा नीति पर हो रहे विवाद के बीच प्रकाश जावड़ेकर ने दी सफाई, कहा- किसी पर नहीं थोपी जाएगी हिंदी
By विकास कुमार | Published: June 2, 2019 09:32 AM2019-06-02T09:32:07+5:302019-06-02T09:35:57+5:30
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि हिंदी पढ़ाने की बात ड्राफ्ट में लिखी गई है लेकिन सरकार ने इसे लागू करने का कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि किसी के ऊपर कोई भाषा नहीं थोपी जाएगी.
प्रकश जावड़ेकर के ऐचआरडी मिनिस्टर रहते ही नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया गया था. जिसमें गैर-हिंदी भाषी राज्यों के छात्रों को तीसरे लैंग्वेज के रूप में हिंदी पढ़ाने की बात कही गई थी. सरकार का मसौदा सामने आने के बाद गैर हिंदी भाषी राज्य खास कर तमिलनाडु में इसका बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने इसका एक स्वर में विरोध किया है.
इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मुद्दे पर सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि हिंदी पढ़ाने की बात ड्राफ्ट में लिखी गई है लेकिन सरकार ने इसे लागू करने का कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि किसी के ऊपर कोई भाषा नहीं थोपी जाएगी.
प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. ड्राफ्ट तैयार हो गया है लेकिन सरकार ने अभी तक किसी भी प्रकार का कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ड्राफ्ट को लागू करने से पहले सभी पक्षों का फीडबैक लेना चाहती है.
तमिलनाडु में विरोध
जावड़ेकर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब तमिलनाडु में इसका बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. डीएमके के नेता स्टालिन ने इसे लैंग्वेज वॉर तक बताया है. बीजेपी की सहयोगी एआइएडीएमके ने भी इसका विरोध किया है.
'मोदी सरकार सभी भाषाओं को विकसित करना चाहती है. हम किसी के ऊपर कुछ थोपना नहीं चाहते.' जावड़ेकर ने पत्रकारों से कहा कि सरकार सभी पक्षों को सुनने के बाद ही कोई फैसला लेगी.
आनी चाहिए एक भारतीय भाषा
ड्राफ्ट नीति के अनुसार परीक्षार्थियों को किसी भी एक भारतीय भाषा में दक्ष होना पड़ेगा. इसके लिए लिखित माध्यम या प्रस्तुतिकरण के जरिये योग्यता साबित करनी होगी. ऐसा खुद पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों से कहा है.