संसद के लोकसभा सदन में शुक्रवार (1 फरवरी) को मोदी सरकार की अगुवाई में पेश होने वाले इस अंतरिम बजट पेश कर दिया गया। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने यह बजट पेश किया। आईआईटी, आईआईएम, आईआईएसईआर, यूजीसी और एआईसीटीई जैसी उच्च शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं के बजट आवंटन में शुक्रवार को लोकसभा में पेश 2019-20 के अंतरिम बजट में कैंची चली।
यह ऐसे वक्त में हुआ है जब मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि वह शैक्षिक वर्ष 2019 से सामान्य श्रेणी के आर्थिक तौर पर पिछड़े तबके को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण को लागू करेगा। साथ में, मंत्रालय ने समूचे देश के शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में करीब 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाने का भी निर्देश दिया है।
ऐसे में आइए जानते हैं कि इस अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने एजुकेशन सेक्टर में क्या खास दिया है। इसके अलावा शिक्षा को लेकर मोदी सरकार ने क्या-क्या घोषणाएं की।
बजट 2019 में एजुकेशन सेक्टर में क्या मिला खास
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) को बजट में व्यय के लिए 415.41 करोड़ दिए गए हैं जो मौजूदा वित्त वर्ष की तुलना में 59.9 फीसदी कम है। 2018-19 वित्त वर्ष में इसे 1,036 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) को 6,223.02 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि 2018-19 में 6,326 रुपये आवंटित किए गए थे।- चालू वित्त वर्ष के बजट में पहले ही 2017-2018 की तुलना में आईआईटी के बजट में कटौती की गई थी। 2017-2018 में इसे 8,337.21 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जिसे 2018-19 में इसे कम करके 6,326 करोड़ रुपये कर दिया गया।- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के भी व्यय में कटौती की गई है। 2018-19 में यूजीसी को 4,722.75 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इसे 4,600.66 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।- अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ATCTE) को इस बार के अंतरिम बजट में 466 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि 2018-19 के बजट में इसे 485 करोड़ रुपये दिए गए थे।- मौजूदा वित्त वर्ष की तुलना में इस वैधानिक निकाय के बजट आवंटन में 2.70 फीसदी की कटौती की गई है। इन निकायों के लिए बजटीय व्यय 5,066.66 करोड़ रुपये रखा गया है जो 2018-19 में 5,107.75 करोड़ रुपये है।- भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISIR) के बजट में भी कटौती की गई है। 2019-20 के अंतरिम बजट में संस्थान को 660 करोड़ रुपये दिए गए हैं जबकि 2018-19 में 689 करोड़ रुपये दिए गए थे।
( पीटीआई भाषा एजेंसी से इनपुट)