बच्चों के अच्छे रिजल्ट के लिए पेरेंट्स ना करें ये 8 काम, जानें एक्सपर्ट की राय
By गुलनीत कौर | Published: March 7, 2018 07:43 AM2018-03-07T07:43:41+5:302018-03-07T09:04:48+5:30
कुछ पेरेंट्स की आदत होती है कि वे अपने बच्चों को बात बात पर 'ताने' भी मारते हैं। ऐसा बिलकुल ना करें।
एग्जाम के दिनों में बच्चों पर प्रेशर काफी बढ़ जाता है। और हो भी क्यों ना, दूसरे से आगे निकलने की इस रेस ने बच्चों को शिक्षा से प्यार करना कम, और इसे बच्चों के लिए तनाव का माध्यम अधिक बना दिया है। खैर परीक्षा के दिनों में पढ़ाई अच्छे-से हो जाए इसके लिए विद्यार्थियों को अपनी डाइट और टाइम दोनों मैनेज करना चाहिए। लेकिन बच्चों के अलावा उनके अभिभावकों यानी पेरेंट्स को भी कुछ बातों का खास ध्यान देना चाहिए।
एग्जाम के दिनों में पेरेंट्स की खास जिम्मेदारी होती है जिसका उन्हें ध्यान रखना चाहिए। मनोविज्ञान एक्सपर्ट डॉ. अभिनव मोंगा का कहना है कि एग्जाम एक दिनों में बच्चों पर तनाव काफी बढ़ जाता है। घंटों तक पढ़ाई करने से उनका दिमाग थक जाता है। ऐसे में उन्हें पौष्टिक डाइट और साथ ही भरपूर नींद सहायता करती है। लेकिन साथ ही उनके पेरेंट्स को भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान उन्हें ऐसी कोई भी बात ना कहें जो उनके मनोबल को तोड़ दे। डॉ. मोंगा से जानते हैं 8 बातें जिन्हें एग्जाम डेज में पेरेंट्स को ध्यान में रखना चाहिए:
1. डॉ. मोंगा के अनुसार पेरेंट्स को भूल से भी अपने बच्चों की दूसरे बच्चों से तुलना नहीं करनी चाहिए। सभी पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा परीक्षा में अच्छा परफॉर्म करे लेकिन उसे दूसरे बच्चों के सामने कम आंकने से पेरेंट्स अपने बच्चे का मनोबल तोड़ देते हैं।
2. कुछ पेरेंट्स की आदत होती है कि वे अपने बच्चों को बात बात पर 'ताने' भी मारते हैं। ऐसा बिलकुल ना करें। एग्जाम के तनाव के कारण बच्चे पहले से ही मानसिक रूप से परेशान होते हैं ऐसे में कही गई बुरी बातें उनके दिमाग पर और भी अधिक असर डाल सकती हैं।
3. एग्जाम के दिनों में बच्चों के खाने का ध्यान रखें, उन्हें टाइम मैनेज करने में मदद करें लेकिन उन्हें साथ ही अकेले में सब कुछ संभालने के लिए भी छोड़ दें। उनकी हर हरकत पर अपना कंट्रोल ना बनाएं।
4. लेकिन उन्हें पूरी तरह अपने हाल पर भी ना छोड़ दें। कुछ पेरेंट्स एग्जाम के दिनों में बच्चों को लेकर बेहद लापरवाह हो जाते हैं और जब रिजल्ट बुरा आता है तब सारा गुस्सा बच्चों पर ही निकाल देते हैं। पेरेंट्स को समझना होगा कि अगर पहले ही वे अपनी जिम्मेदारी समझते तो ऐसा ना होता।
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5. पॉजिटिव तरीके से अपने बच्चे को एग्जाम की तैयारी करने में मदद करें और कोशिश करें कि वे सब कुछ आसानी से मैनेज कर सकें। जब उन्हें आपकी जरूरत महसूस हो तो आप मदद के लिए तैयार रहें।
6. बैलेंस बनाते हुए उनकी मदद करते रहें। आप उनके साथ अपने अनुभव शेयर करें, उन्हें बताएं कि एग्जाम के दिनों में आप कैसे सब कुछ मैनेज करते थे। लेकिन अपनी काबिलियत को उनपर ना थोपें। उन्हें अपने आप कोशिश करने दें।
7. थोड़े-थोड़े समय बाद उन्हें प्रोत्साहित करें। अगर बच्चे लगातार कई घंटों से पढ़ाई कर रहे हैं तो उन्हें इस बात की शाबाशी दें और फिर कुछ देर आराम करने की सलाह दें। या उन्हें ब्रेक दें और कुछ अच्छा बनाकर खिलाएं।
8. उन्हें कितनी देर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना है, कितनी देर खेलना है, कितने घंटे पढ़ाई करनी है और उनके सोने का समय सब मैनेज करें। लेकिन इस टाइम टेबल को बनाते समय बच्चों की सलाह भी लें। उनपर कुछ भी थोपना ठीक नहीं।
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