नई शिक्षा नीति पर शिक्षा मंत्री ने दी सफाई, कहा- किसी राज्य पर नहीं थोपी जाएगी कोई भाषा

By भाषा | Published: August 2, 2020 06:24 PM2020-08-02T18:24:48+5:302020-08-02T18:24:48+5:30

देश को 34 साल बाद मिली नई शिक्षा नीति में पढ़ाई के साथ-साथ स्किल पर जोर दिया गया है।

Centre will not impose any language through new education policy, says Ramesh Pokhriyal Nishank | नई शिक्षा नीति पर शिक्षा मंत्री ने दी सफाई, कहा- किसी राज्य पर नहीं थोपी जाएगी कोई भाषा

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि किसी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपी जाएगी। (फाइल फोटो)

Highlightsशिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति, 2020 के माध्यम से केन्द्र सरकार किसी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपेगी।नई शिक्षा नीति का विरोध करने वालों का कहना है कि केन्द्र सरकार इसके माध्यम से हिन्दी और संस्कृत को थोपना चाहती है।

चेन्नई। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को सारे भ्रम दूर करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति, 2020 के माध्यम से केन्द्र सरकार किसी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपेगी। तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति का विरोध करने वालों का कहना है कि केन्द्र सरकार इसके माध्यम से हिन्दी और संस्कृत को थोपना चाहती है।

इसी की पृष्ठभूमि में निशंक ने आज तमिल भाषा में ट्वीट कर स्पष्टीकरण दिया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन के एक ट्वीट पर निशंक ने अपने जवाब में कहा कि वह तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति लागू करने में पूर्व केंद्रीय मंत्री के मार्गदर्शन के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एकबार फिर इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि केन्द्र सरकार किसी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपेगी।’’ एम.के. स्टालिन नीत द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों ने तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति का विरोध करते हुए इसकी समीक्षा की मांग की है।

34 साल बाद मिली नई शिक्षा नीति को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रीमंडल ने नई शिक्षा नीति 2020 को बुधवार को मंजूरी दे दी। देश को 34 साल बाद मिली नई शिक्षा नीति में पढ़ाई के साथ-साथ स्किल पर जोर दिया गया है। इसमें मोदी सरकार के उस सपने को साकार किया गया है जिसमें छात्रों को एक हाथ में डिग्री और दूसरे हाथ में स्किल देने की बात शामिल है। इसलिए कक्षा 9वीं के बाद शुरू होने वाले वोकेशन कोर्स अब छठी कक्षा से शुरू हो सकेंगे। छात्रों को 10 दिन की इंटर्नशिप भी कराई जाएगी।

उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव यह किया गया है कि थ्री ईयर डिग्री कोर्स में मल्टीपल एग्जिट और मल्टीपल एंट्री के मौके बनाए गए हैं। साथ ही फोर ईयर डिग्री कोर्स करने वाले छात्रों को एमए के बाद बिना एमफिल सीधे पीएचडी में दाखिला दिया जाएगा।

Web Title: Centre will not impose any language through new education policy, says Ramesh Pokhriyal Nishank

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