नई दिल्ली, 27 जूनः 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' की नीति पर आगे बढ़ते हुए मोदी सरकार यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन को खत्म करने पर विचार कर रही है। इसकी जगह पर हायर एजुकेशन कमीशन लाया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके लिए बाकायदा मसौदा तैयार कर लिया है। मंत्रालय ने सारे प्रावधान सार्वजनिक करते हुए 7 जुलाई तक लोगों के सुझाव मांगे हैं।
मंत्रालय ने दावा किया है कि हायर एजुकेशन कमीशन शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करेगा और विद्यार्थियों को किफायती शिक्षा मिल सकेगी। सरकार को इस फैसले पर विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। विपक्ष पहले ही मोदी सरकार पर उच्च शिक्षा में फंड की कटौती का आरोप लगा रही है।
शिक्षा मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने सभी शिक्षाविदों, हितधारकों और आम नागरिकों से अपील की है कि वो इस ड्रॉफ्ट पर मंत्रालय की वेबसाइट पर टिप्पणी और सलाह दे सकते हैं। हायर एजुकेशन कमीशन के पास शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए ज्यादा शक्तियां होंगी। इसमें फर्जी संस्थानों को बंद करने का फैसला लेगा। ड्रॉफ्ट के अनुसार अनुपालन नहीं करने पर जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है। वर्तमान में, यूजीसी जनता को सूचित करने के लिए अपनी वेबसाइट पर फर्जी संस्थानों के नाम जारी करता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है।
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