बोर्ड परीक्षा का ब्लूप्रिंट तैयार: दोगुने परीक्षा केंद्र और 30 फीसदी सिलेबस में कटौती के साथ एक्जाम

By एसके गुप्ता | Published: December 5, 2020 09:10 PM2020-12-05T21:10:40+5:302020-12-05T21:13:02+5:30

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय को छात्रों और अभिभावकों की ओर से बार-बार मई माह में बोर्ड परीक्षा आयोजन का आग्रह किया जा रहा है। इस संबंध में सरकार को लगातार ईमेल और सोशल मीडिया पर कमेंट मिल रहे हैं।

Central Board of Secondary Education exam blueprint ready double centers 30 percent syllabus reduction | बोर्ड परीक्षा का ब्लूप्रिंट तैयार: दोगुने परीक्षा केंद्र और 30 फीसदी सिलेबस में कटौती के साथ एक्जाम

सरकार को लगातार ईमेल और सोशल मीडिया पर कमेंट मिल रहे हैं। (file photo)

Highlightsसिलेबस में 30 फीसदी की कटौती की गई है। बोर्ड में इस बार परीक्षा में 20 फीसदी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के पूछे जाएंगे।

नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षा का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। जिसकी घोषणा 10 दिसंबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक करेंगे। बोर्ड में इस बार परीक्षा में 20 फीसदी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के पूछे जाएंगे। सिलेबस में 30 फीसदी की कटौती की गई है। इसके अलावा परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय को छात्रों और अभिभावकों की ओर से बार-बार मई माह में बोर्ड परीक्षा आयोजन का आग्रह किया जा रहा है। इस संबंध में सरकार को लगातार ईमेल और सोशल मीडिया पर कमेंट मिल रहे हैं।

देश के दो राष्ट्रीय बोर्ड हैं। इनमें से एक ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर न केवल जनवरी 2021 में स्कूलों को खोलने का आग्रह किया गया है बल्कि दसवीं-बारहवीं के छात्रों के लिए कक्षाएं लगाने के लिए कहा है। जिससे छात्र बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर कर सकें।

सीआईएससीई ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि अप्रैल-मई में किसी राज्य में चुनाव हों तो उसकी तारीख से अवगत कराएं। जिससे परीक्षा आयोजन में आसानी रहे। इन्हीं तथ्यों को सीबीएसई भी ध्यान में रखे हुए है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मई माह में बोर्ड परीक्षा आयोजन का आग्रह किया है।

दिल्ली सरकार ने इसके पीछे तर्क दिया है कि बिना फिजिकल कक्षा अटेंड किए छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बिठाना और प्रैक्टिकल के अंक देना। आधी-अधूरी तैयारी के बीच छात्रों से परीक्षा लेना है। अगर मई में परीक्षाएं होंगी तो छात्रों की कुछ महीने कक्षाएं लेकर उन्हें बोर्ड परीक्षाओं के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जा सकेगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को एनसीईआरटी की ओर से भी यह सुझाव दिया गया है कि बिना स्कूली पढ़ाई के बोर्ड परीक्षा या वार्षिक परीक्षाओं का महत्व कम हो जाता है। ऐसे में छात्रों को कुछ माह की कक्षाएं कराकर ही बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएं। जिससे छात्रों में आत्मविश्वास आएगा। शिक्षक भी छात्रों की तैयारियों का ठीक से आकलन कर सकेंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से 10 दिसंबर को बोर्ड परीक्षाओं की चिंता को कम करने के लिए कुछ घोषणाए की जाएंगी। इसमें बोर्ड परीक्षा के सिलेबस में की गई कटौती, वैकल्पिक प्रश्नों की संख्या का बढ़ना और बोर्ड परीक्षा के छात्रों के लिए स्कूली कक्षाओं को खोलने के विकल्प शामिल हैं। 

Web Title: Central Board of Secondary Education exam blueprint ready double centers 30 percent syllabus reduction

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